LIC Bhagya Lakshmi Plan | व्यक्ति चाहे छोटा हो या बड़ा हर कोई अपने आस-पास के संसाधनों के अनुसार अपने भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश करता है। लेकिन कम आय वाले लोगों को अक्सर आजीविका के संकट का सामना करना पड़ता है, इसलिए इस श्रेणी के लोग भविष्य की योजना बनाने में विफल रहते हैं। भाग्य लक्ष्मी योजना वास्तव में ऐसे लोगों के लिए एक भाग्य बदलने वाली योजना है।
मिडिल क्लास के लिए एलआईसी की खास स्कीम
भारतीय जीवन बीमा निगम भाग्य लक्ष्मी योजना एक छोटी बीमा योजना है जिसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस बीमा का प्रीमियम बहुत कम होता है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें GST का भुगतान नहीं करना पड़ता है। भाग्य लक्ष्मी योजना एक टर्म प्लान होने के साथ-साथ रिटर्न प्रीमियम प्लान भी है, और इसमें न सिर्फ आपको भुगतान किए गए प्रीमियम पर टर्म इंश्योरेंस मिलता है, बल्कि मैच्योरिटी पर डिपॉजिट का 110% भी वापस मिलता है।
एलआईसी की भाग्य लक्ष्मी योजना एक निवेश, बचत और बीमा पॉलिसी है। यानी इस योजना में बीमाधारक को पॉलिसी पूरी होने के बाद संचित प्रीमियम का कुल 110% हिस्सा मिल जाता है। साथ ही पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को डेथ बेनिफिट मिलता है। भाग्य लक्ष्मी योजना एक लिमिटेड टर्म प्रीमियम प्लान है जिसमें पॉलिसी अवधि से कम अवधि के लिए प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
एलआईसी भाग्य लक्ष्मी योजना की विशेषताएं
* आप एलआईसी भाग्य लक्ष्मी योजना में कम से कम 20,000 रुपये निवेश कर सकते हैं
* भाग्य लक्ष्मी योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि 50,000 रुपये है।
* ग्राहक इस योजना में मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या एकमुश्त प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं।
* वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करने पर दो प्रतिशत तक की छूट भी है।
* जबकि सेमी एनुअल पेमेंट पर प्रीमियम पर 1% की छूट दी जाती है
* एलआईसी भाग्य लक्ष्मी पॉलिसी की न्यूनतम अवधि सात वर्ष और अधिकतम 15 वर्ष है।
* साथ ही, मिनिमम प्रीमियम भुगतान अवधि पांच वर्ष है और अधिकतम अवधि 13 वर्ष है।
* एलआईसी भाग्य लक्ष्मी योजना में निवेश करने की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष है।
इसके अलावा, एलआईसी भाग्य लक्ष्मी पॉलिसी के तहत पॉलिसी सरेंडर करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर जमाकर्ता समयसीमा से पहले पॉलिसी सरेंडर करता है तो 30 से 90 फीसदी रकम जमा की जाएगी। ऐसे में आप जितनी देर तक पॉलिसी को बनाए रख सकते हैं, उसकी सरेंडर वैल्यू उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है।
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