New Labour Codes | सप्ताह में 3 दिन छुट्टी, ओवरटाइम और बढ़ा हुआ पीएफ… नया श्रम संहिता कब लागू होगी? नए श्रम कानून के लागू होने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। अगले साल के अंत तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 2024 में आम चुनाव होने हैं। कम से कम आधा दर्जन विशेषज्ञों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया है कि भारत सरकार के सामने श्रम संहिता को लागू करने के लिए आवश्यक समय ऐसी स्थिति में तेजी से घट रहा है।
इस श्रम संहिता का कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण श्रम सुधार होगा। सरकार नहीं चाहती कि उनकी हालत कृषि कानूनों के मुताबिक हो। एक उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार ने इंतजार करो और देखो की रणनीति अपनाई है क्योंकि न तो नियोक्ता और न ही ट्रेड यूनियन श्रम संहिता के इच्छुक हैं।
अप्रैल 2023 आखिरी मौका है
अगले वित्त वर्ष की शुरुआत को इन नियमों को लागू करने का सही समय माना जा रहा है क्योंकि इन संहिताओं का असर वेतन ढांचे पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल 2023 देश के पास अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले श्रम संहिताओं को लागू करने का आखिरी मौका है। एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘सरकार को डर है कि इस नियम का उल्टा असर हो सकता है, जैसा कि कृषि कानूनों के मामले में हुआ था। इसलिए सभी संबंधित पक्षों का स्पष्ट समर्थन मिलने तक प्रतीक्षा करो और देखो की नीति अपनाई गई है।
इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा?
सरकार ने 2019 और 2020 में चार श्रम संहिताएं पारित की थीं। इससे पहले कहा गया था कि सरकार इन चार नई श्रम संहिताओं को चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती है। सबसे पहले वेज कोड और सोशल सिक्योरिटी कोड लागू किया जा सकता है। और उसके बाद बाकी बचे दो कोड लागू किए जाएंगे। एक औद्योगिक संबंध संहिता है और दूसरा नौकरी-विशिष्ट सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल की स्थिति (ओएसएच) पर है। इस बीच नए श्रम कानून से कर्मचारियों को काफी फायदा होने की आशंका जताई जा रही है।
क्या हैं चार नए कानून?
सरकार द्वारा लागू किए गए चार श्रम संहिताओं में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, काम की विशेष सुरक्षा पर संहिता, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थितियों पर संहिता (ओएसएच) और सामाजिक और व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में संशोधन के लिए 44 प्रकार के पुराने श्रम कानूनों को चार प्रमुख संहिताओं में शामिल किया है।
सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी
नई श्रम संहिता लागू होने के बाद सप्ताह के दौरान कर्मचारियों के कार्य दिवस कम हो जाएंगे। नए नियमों के मुताबिक कर्मचारियों के कार्य दिवस ों को सप्ताह में पांच से बढ़ाकर चार किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी मिलेगी। हालांकि कर्मचारियों के दैनिक कामकाजी घंटे बढ़ेंगे। नियमों के मुताबिक 17 कर्मचारियों को 48 घंटे यानी दिन में 12 घंटे काम करना होगा।
आपको ओवरटाइम भी मिलेगा
नियमों के अनुसार एक कर्मचारी को सप्ताह के चार कार्य दिवसों के अनुसार सप्ताह में 48 घंटे यानी दिन में 12 घंटे काम करना होता है। ऐसे में अब अगर किसी कर्मचारी को हफ्ते में 12 घंटे से ज्यादा काम करना है तो उसे ओवरटाइम दिया जाएगा। लेकिन कर्मचारी तीन महीने में 125 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम नहीं कर सकते। नए श्रम संहिता के अनुसार कोई भी कर्मचारी लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं कर सकता है। कर्मचारियों को लगातार 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक दिया जाएगा।
पीएफ में बढ़ेगा योगदान
नए वेतन नियमों के अनुसार कर्मचारियों के सीटीसी में कई बदलाव होंगे। तदनुसार, सभी भत्ते कुल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते हैं। इससे कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि होगी। फिलहाल कंपनियां बेसिक सैलरी में सीटीसी का सिर्फ 25-30 फीसदी हिस्सा ही रखती हैं। ऐसे में सभी तरह के भत्ते 70 से 75 फीसदी तक होते हैं। इन भत्तों के परिणामस्वरूप कर्मचारियों के खातों में वेतन अधिक होता है क्योंकि मूल वेतन पर सभी प्रकार की कटौती की जाती है। बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारियों की हैंडहेल्ड सैलरी या टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। लेकिन ग्रेच्युटी, पेंशन और कर्मचारी और कंपनी दोनों का पीएफ में योगदान बढ़ेगा। कुल मिलाकर इस नए नियम से कर्मचारियों की बचत बढ़ेगी।
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