Railway Ticket Booking | भारतीय रेलवे ने यात्रियों से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। रेलवे ने इस नियम को 1 जुलाई, 2024 से लागू किया है। वेटिंग टिकट को लेकर पहली बार इतना कठोर फैसला लिया गया है। अगर कोई यात्री इस नए नियम को तोड़ता है तो न सिर्फ जुर्माना लगेगा, बल्कि टीटी उसे ट्रेन से उतार सकते हैं। ट्रेन में टिकट चेकिंग स्टाफ को भी सख्त आदेश जारी किए गए हैं।
रेलवे ने अब वेटिंग टिकट के साथ रिजर्वेशन कोच में यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि अगर आपका टिकट वेटिंग है तो आप एसी या स्लीपर कोच में सफर नहीं कर सकते। यह नियम तब भी लागू होगा जब आपने टिकट स्टेशन से ऑफलाइन खरीदारी की हो। आरक्षित डिब्बों में कन्फर्म टिकट के साथ यात्रा करने वालों की सुविधा के लिए यह निर्णय लागू किया गया है।
अब तक क्या था नियम?
जुलाई से पहले भारतीय रेलवे का नियम था कि अगर किसी यात्री ने स्टेशन की खिड़की से वेटिंग टिकट लिया तो वह रिजर्व डिब्बे में भी यात्रा कर सकता था। अगर किसी के पास एसी का वेटिंग टिकट है तो वह एसी कोच में सफर कर सकता है और अगर उसके पास स्लीपर क्लास का वेटिंग टिकट है तो वह उस टिकट पर स्लीपर कोच में सफर कर सकता है। लेकिन आरक्षित डिब्बों में ऑनलाइन वेटिंग टिकट की अनुमति नहीं थी।
रेलवे का क्या कहना है?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, वोटिंग टिकट पर यात्रा करने पर प्रतिबंध ब्रिटिश काल से लागू है। अब रेलवे ने इस नियम का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। यदि आपने स्टेशन से टिकट खरीदा है और यह वोटिंग पर रहा है, तो रद्द करें और पैसे वापस पाएं; लेकिन यात्री रिजर्व डिब्बे में यात्रा नहीं कर सकते हैं।
जुर्माना कितना है?
आदेश के मुताबिक, अगर वेटिंग टिकट वाला कोई यात्री रिजर्व कोच में यात्रा करता पाया जाता है तो टीटी उसे 440 रुपये जुर्माने के साथ उतार सकता है। इसके अलावा टीटी के पास यात्री को जनरल डिब्बे में भेजने का भी अधिकार होगा। 5,000 यात्रियों की शिकायतों के बाद रेलवे ने यह आदेश जारी किया था। शिकायत के अनुसार आरक्षित डिब्बों में वेटिंग टिकट वाले की बढ़ती भीड़ के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है। इसके बाद रेलवे ने इस नियम का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
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