Aditya-L1 Launch | भारत ने आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। अब आदित्य एल1 15 लाख किलोमीटर का सफर तय कर सूर्य की कक्षा में पहुंचेगा। भारत से पहले कई देशों ने सूर्य मिशन शुरू किए हैं, लेकिन किसी भी देश का अंतरिक्ष यान सूर्य की सतह तक नहीं पहुंच पाया है।
पृथ्वी से L1 की दूरी
भारत का आदित्य-L1 सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी को भी L1 तक तय करेगा। यहां से यह सूर्य की सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा। लेकिन सूरज की सतह पर क्या है जो लैंडिंग को रोकता है? आइए इसके बारे में जानते हैं।
सूरज पर क्यों नहीं उतर सकते?
सूरज पर न उतरने की एक सबसे बड़ी वजह वहां का तापमान है। सूर्य का तापमान इतना अधिक है कि पृथ्वी पर कुछ भी इसका सामना नहीं कर सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के मुताबिक सूर्य के कोर का तापमान 27 लाख डिग्री फारेनहाइट (15 करोड़ डिग्री सेल्सियस) है और इसकी सतह का तापमान करीब 10 हजार डिग्री फ़ारेनहाइट है।
सूर्य की संरचना
इसके अलावा सूर्य की संरचना को भी समझना चाहिए। सूर्य के बाहरी भाग को कोरोना कहा जाता है। फिर क्रोमोस्फीयर की परत होती है, फिर फोटोस्फीयर, फिर संवहन क्षेत्र, फिर रेडियोधर्मी क्षेत्र और फिर केंद्र बिंदु।
सूर्य का वजन पृथ्वी पर वजन के 26 गुना है।
यदि यह सूर्य के फोटोस्फीयर तक पहुंचता है, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण एक वस्तु पृथ्वी पर वजन का 26 गुना हो जाएगी। अगर हम आगे बढ़ते हैं, तो कन्वेंशन सेंटर आ जाएगा और तापमान 2 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। पृथ्वी पर कोई भी इतना उच्च तापमान नहीं झेल सकता है। इस बिंदु पर, कोई भी अंतरिक्ष यान पिघल जाएगा।
NASA का दावा
उन्होंने दावा किया कि 2018 में नासा द्वारा लॉन्च किया गया पार्कर सोलर प्रोब नामक उनका मिशन सूर्य के सबसे करीब आया था। 14 दिसंबर, 2021 को नासा ने इस संबंध में घोषणा की थी। उनके मुताबिक उनके अंतरिक्ष यान ने पहली बार सूर्य को छुआ। जहां का वातावरण लगभग 2 मिलियन डिग्री फ़ारेनहाइट है। यह भी दावा किया गया था कि उनका अंतरिक्ष यान कोरोना के माध्यम से उड़ा था।
किन देशों ने किया सूर्य मिशन?
आदित्य एल-1 निस्संदेह भारत का पहला सौर मिशन है, लेकिन भारत पहले ही सूर्य पर 22 मिशन भेज चुका है। इनमें अमेरिका, जर्मनी और यूरोपीय संस्थान शामिल हैं। इन 22 मिशनों में से अकेले नासा ने 14 भेजे हैं।
NASA का जेनेसिस मिशन
1994 में यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी NASA के साथ मिलकर सन मिशन भेजा था। इस सब का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना था। 2001 में, NASA ने जेनेसिस मिशन लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य सौर हवा का नमूना लेना था क्योंकि यह सूर्य की परिक्रमा करता है।
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