LIC Share Price | अगर आपके पास एलआईसी की कोई पॉलिसी या शेयर है तो आपके लिए अच्छी खबर है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के आईटी रिफंड ऑर्डर मिले हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को इसकी जानकारी दे दी है। कंपनी का कहना है कि उसे 25,464 करोड़ रुपये के रिफंड ऑर्डर मिले हैं। इसमें से आधे से ज्यादा रकम ब्याज के रूप में है। यह रिटर्न पॉलिसीधारकों और शेयरधारकों के लिए प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा।
रिफंड ऑर्डर में मूल राशि के साथ-साथ ब्याज भी शामिल है। मूल कर राशि को कंपनी के बही-खातों में प्राप्य के रूप में दर्ज किया जाता है। चालू वर्ष की वित्तीय स्थिति पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन ब्याज राशि पॉलिसीधारकों और शेयरधारकों के बीच 92.5: 7.5 के अनुपात में वितरित की जाएगी।
टैक्स न्यायाधिकरण के आदेश के बाद आयकर विभाग ने एलआईसी को 2013 से 2020 तक 25,464 करोड़ रुपये का रिफंड आदेश जारी किया है। हालांकि आयकर विभाग को तीन टैक्स डिमांड ऑर्डर भी मिले हैं। इससे कंपनी को 2,765 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
हालांकि, एलआईसी का कहना है कि वह इसे आईटी आयुक्त के समक्ष चुनौती देगी। मूल कर रिफंड 27,597 करोड़ रुपये है। इसमें से 2,133.67 करोड़ रुपये कर मांग है। वित्त वर्ष 2016 के दूसरे मामले में असेसिंग ऑफिसर ने अंतरिम बोनस को खारिज कर दिया और 1,395.08 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की। वित्त वर्ष 2011-12 में 1,370.60 करोड़ रुपये की मांग की गई है। हाल के दिनों में एलआईसी के शेयरों में काफी तेजी आई है।
साल के पहले दिन यह 863 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था, जो 52 सप्ताह का उच्च स्तर है। शुक्रवार को यह 0.56% की गिरावट के साथ 829.35 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, यह अभी भी इसके इश्यू प्राइस 949 रुपये से काफी कम है। LIC का 21,000 करोड़ रुपये का आईपीओ 4 मई, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। यह 9 मई को बंद हो गया। इसके जरिये सरकार ने कंपनी में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। उन्होंने अपनी सदस्यता लगभग तीन गुना कर ली थी।
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