Bank FD Vs Mutual Fund | टर्म डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड दोनों निवेश के अलग-अलग साधन हैं। दोनों के फायदे भी अलग-अलग हैं। अगर आप गारंटीड रिटर्न प्लान की तलाश में हैं तो आप फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी में निवेश करना पसंद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जोखिम लेने के इच्छुक हैं और अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। म्यूचुअल फंड बाजार से जुड़े होते हैं और आप एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं। पिछले कुछ समय से इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं और निवेशकों ने म्यूचुअल फंड के जरिए भी भारी मात्रा में पैसा जुटाया है।
ऐसे में आज हम म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट के निवेश मार्ग के बारे में जानेंगे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि निवेश आपके लिए कहां फायदेमंद है।
फिक्स्ड डिपॉजिट हो या म्यूचुअल फंड, कहां मिलेगा शानदार रिटर्न?
आपने एफडी और डेट फंड में 1-1 लाख रुपये का निवेश किया है। तो मान लीजिए कि आपको दोनों पर 7.5% के रिटर्न के साथ 24,230 रुपये का लाभ मिला। अगर आप 30 फीसदी इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आपको एफडी पर 7,269 रुपये टैक्स देना होगा। यानी एफडी पर वास्तविक रिटर्न 5.36% होगा। दूसरी ओर डेट फंड के मामले में निवेश राशि में पहले महंगाई खर्च को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए मुद्रास्फीति सूचकांक को स्वीकार्य माना जाता है। नतीजतन निवेश 1 लाख रुपये से अधिक माना जाएगा। इसके परिणामस्वरूप कम मुनाफे पर कर (20%) लगाया जाएगा। इस प्रकार, डेट फंड पर वास्तविक रिटर्न 7% के करीब हो सकता है।
अधिक लाभ
जब तक आप डेट म्यूचुअल फंड से पैसा नहीं निकालते तब तक आपका टैक्स टाल दिया जाता है। हालांकि, एफडी के साथ ऐसा नहीं है। यहां तक कि अगर आप एफडी में पैसा नहीं निकालते हैं, तो भी रिटर्न पर वार्षिक आधार पर टैक्स देना पड़ता है। अगर आप 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट रिटर्न करीब 5 फीसदी होगा। बैंक एफडी से एक साल में 40,000 रुपये से ज्यादा की कमाई पर 10 फीसदी टीडीएस काटते हैं। लेकिन अगर आप जांच के दायरे में नहीं आते हैं, तो आपको हर साल फॉर्म 15 जी या 15 एच भरना होगा, लेकिन डेट फंड में ये चीजें कोई समस्या नहीं हैं।
अब निवेश करना मुश्किल होगा।
डेट फंड्स का सबसे बड़ा आकर्षण अब खत्म होने वाला है। डेट फंड्स में जहां इक्विटी कंपोनेंट 35 पर्सेंट या उससे कम है, वहां अब कम टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और इन्फ्लेशन इंडेक्स पर 20 फीसदी टैक्स का कोई फायदा नहीं होगा। सीधे शब्दों में कहें तो ऐसे डेट फंड पर एफडी की तरह टैक्स देना होगा। वित्त विधेयक में इस संबंध में प्रावधान किया गया है और इसे लोकसभा ने पारित भी कर दिया है।
एफडी या म्यूचुअल फंड का लाभ कहां है?
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने पर आपको निश्चित रिटर्न मिलता है। बैंक में जमा रकम पर 5 लाख रुपये के बीमा का भी लाभ है। इसके विपरीत डेट फंडों में रिटर्न बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुछ डेट फंड्स ने पिछले पांच साल में करीब 7 फीसदी का रिटर्न दिया है और ज्यादा टैक्स बचत के चलते लोगों ने भी यहां पैसा जमा करना पसंद किया। लेकिन अब नए बदलावों के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि डेट फंड का एक बड़ा हिस्सा एफडी की ओर रुख कर सकता है।
महत्वपूर्ण : अगर आपको यह लेख/समाचार पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अगर आप भविष्य में इस तरह के लेख/समाचार पढ़ना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दिए गए ‘फॉलो’ बटन को फॉलो करना न भूलें और महाराष्ट्रनामा की खबरें शेयर करें। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। शेयर खरीदना बेचना बाजार विशेषज्ञों की सलाह है। म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित है। इसलिए, किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए महाराष्ट्रनामा.कॉम जिम्मेदार नहीं होगा।
Copyright © 2024 MaharashtraNama. All rights reserved.