Gold Rate Today | सोने-चांदी की कीमतों में इस समय देशभर में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। इस साल कीमतें बढ़ गई हैं क्योंकि पिछले साल के मद्देनजर बड़ी संख्या में लोग सोने में निवेश कर रहे हैं। गोल्ड ज्वैलरी खरीदने से गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड की मांग भी बढ़ी है और आइए जानते हैं कि सोने-चांदी की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर होने पर निवेशकों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए।
क्या सोने में निवेश करने का यह सही समय है?
पिछले साल, वित्तीय वर्ष 2023-24 सभी परिसंपत्ति वर्गों के लिए फायदेमंद था। सोने-चांदी से लेकर निफ्टी-सेंसेक्स तक निवेश उपकरणों ने जनता को आकर्षक रिटर्न दिया। हाल ही में सेंसेक्स ने 75,000 का आंकड़ा पार किया था, वहीं सोने की कीमत 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 82,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंची थी, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है और क्या यह समय सोने में निवेश करने का सही समय है?
क्या हमें सोने में निवेश करना चाहिए या इंतजार करना चाहिए?
अब तक सोने में निवेशकों ने 14% तक रिटर्न दिया है और चांदी ने भी निवेशकों को चांदी दी है और 9% रिटर्न के साथ लोगों को खुश किया है। दूसरी ओर बाजार में दोनों बेंचमार्क सूचकांक 4.5 से 5 फीसदी का मुनाफा देते हुए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉकब्रोकर्स के कमोडिटी करेंसी डायरेक्टर नवीन माथुर ने कहा, ‘अपवाद यह है कि सोना, चांदी और इक्विटी बाजार एक ही तेजी की रफ्तार से आ रहे हैं। जब आर्थिक वृद्धि अच्छी नहीं होती है तो सोने में तेजी आती है, लेकिन वर्तमान में अर्थव्यवस्था अच्छी है और कीमती धातुओं में भी तेजी आ रही है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
ऐसे में माथुर निवेशकों को इस स्तर पर धीरे-धीरे कीमती धातुओं की खरीदारी करने की सलाह दे रहे हैं और अगर सोने में आगे भी तेजी जारी रहती है तो प्रॉफिट बुकिंग से अगले उतार-चढ़ाव से पहले 100-150 डॉलर की गिरावट भी आ सकती है।
अल्पावधि में सुधरेगा सोना
इस बीच कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि पिछले 100 दिनों में सोने की कीमतों में 20% का उछाल आया है और टेक्निकल चार्ट्स में पिछले 25 साल के आंकड़ों के मुताबिक जब भी 100 दिनों में सोने में 20 फीसदी की तेजी आई है, उसमें सुधार दिखा है। ऐसे परिदृश्य में, सोने में लंबे समय में तेजी का रुझान है, लेकिन अल्पावधि में $ 100- $ 150 का सुधार दिख रहा है। इसलिए जहां सोने और चांदी ने रिटर्न के लिहाज से शेयर बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है, वहीं तेजी इक्विटी बाजार के ट्रिगर से प्रेरित है, जिसने कीमती धातु की कीमतों में तेजी को बढ़ावा दिया है।
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