Raghuram Rajan | RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने PLI स्किम पर उठाए सवाल, कहा फेल हो जायेगी यह योजना

Raghuram Rajan

Raghuram Rajan | भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला और मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी PLI योजना पर सवाल उठाए। “यह एक असफल योजना है,” उन्होंने एक शोध नोट में कहा। RBI के पूर्व गवर्नर का कहना है कि अगर सरकार की योजना विफल हो जाती है तो सरकार क्या करेगी।

मोदी सरकार पिछले कुछ सालों से लगातार इस योजना को बढ़ावा दे रही है और इसका उद्देश्य देश के पेशेवरों को PLI की अधिकतम सुविधाएं प्रदान करना है। ताकि भारत आत्मनिर्भर बनने के सपने को जल्द से जल्द पूरा कर सके।

रघुराम राजन ने सरकार की योजना पर उठाए सवाल
राजन ने कहा कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने मोबाइल विनिर्माण पर विशेष ध्यान देते हुए विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की विनिर्माण से जुड़ी पहल योजना शुरू की है। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का हब नहीं बन पाया है।

उन्होंने कहा कि अभी तक इस योजना का कोई असर नहीं दिखा है, इसलिए अन्य क्षेत्रों में इसे लागू करने से पहले अब तक के प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए।

भारत मोबाइल निर्माता नहीं बनेगा 
सरकार पर निशाना साधते हुए रघुराम राजन ने कहा कि सरकार ने कई क्षेत्रों के लिए PLI योजना शुरू की थी, लेकिन यह कितनी सफल होगी, इसे लेकर संदेह है। यह बहुत अच्छा दिख रहा है, खासकर मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में। सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाते हुए रघुराम राजन ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि देश में कितनी नौकरियां पैदा होंगी और PLI योजना कैसे पैदा होगी। यदि यह सब नहीं किया जा सकता है, तो अगला विकल्प क्या है?

मोबाइल सेगमेंट पर सरकार का फोकस 
सरकार ने भारत को मोबाइल विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2016 में आयात शुल्क बढ़ाया था। 2020 में सरकार ने इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में PLI स्कीम का ऐलान किया। यह सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि Appleजैसी दिग्गज कंपनियों ने अब चीन की बजाय भारत में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन RBI के पूर्व गवर्नर सरकार की नीतियों पर पूरा भरोसा नहीं है।

RBI के पूर्व गवर्नर का दावा
PLI स्कीम के तहत देश में फोन फिनिशिंग पर सब्सिडी दी जाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह देश में कितना मूल्यवान है। भारत अभी भी मोबाइल फोन के लिए अधिकांश घटकों का आयात करता है। राजन के अनुसार, भारत सेमीकंडक्टर, पीसीबीए, डिस्प्ले, कैमरा और बैटरी सहित मोबाइल के किसी भी प्रमुख घटक का निर्यात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 में मोबाइल फोन पर शुल्क में वृद्धि से आयात में वृद्धि हुई है। दूसरे शब्दों में, पीएलआई योजना में, हम आयात पर अधिक निर्भर हैं।

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News Title : Raghuram Rajan On PLI Scheme Know Details as on 31 May 2023

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