Income Tax Regime | मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त वर्ष 2023-21 से नई टैक्स व्यवस्था लागू हुई जो धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। पिछले वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा अब समाप्त हो गई है और आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड संख्या में आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। इतना ही नहीं अब आयकर विभाग के मुताबिक नई टैक्स प्रणाली कई लोगों की पहली पसंद बन गई है।
नई टैक्स व्यवस्था की तरफ करदाताओं का झुकाव
आकलन वर्ष 2042-25 में कुल 72% करदाताओं ने नए कर के तहत रिटर्न दाखिल किया और केवल 28% करदाताओं ने पुरानी कर व्यवस्था में आईटीआर दाखिल किया। हाल ही में एक बयान में, आयकर विभाग ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड संख्या में आईटीआर दाखिल किए गए हैं और 31 जुलाई की समय सीमा तक 7.28 करोड़ से अधिक कर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है।
The Income Tax Department appreciates taxpayers & tax professionals for timely compliance, resulting in a record surge in the filing of Income Tax Returns (ITRs).
Here are the key highlights:
👉More than 7.28 crore ITRs for AY 2024-25 filed till 31st July, 2024, a 7.5% increase… pic.twitter.com/CzbgZEMUWi
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) August 2, 2024
पिछले साल इसी अवधि में 6.77 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे। आयकर विभाग के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ रिटर्न नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए, जबकि पुरानी कर प्रणाली के तहत दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।
दो तरह की इनकम टैक्स सिस्टम
वर्तमान में, देश भर के करदाताओं को टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए दो, पुराने और नए कर प्रणालियों का विकल्प दिया जाता है। बजट 2020-21 में, एक नई कर व्यवस्था पेश की गई थी जिसके तहत 80C, 80D आदि कर छूट हटा दी गई थी लेकिन कर दरों को कम कर दिया गया था। साथ ही पुरानी व्यवस्था में कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी मिलती है लेकिन टैक्स की दर ज्यादा होती है और पुरानी टैक्स प्रणाली में आईटीआर भरते समय कई तरह की जानकारी जुटानी पड़ती थी जो कभी-कभी काफी जटिल हो जाती थी।
नई टैक्स व्यवस्था में नए बदलाव
हाल के बजट 2024 में, नई कर व्यवस्था ने 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर पेश किया और छूट को और बढ़ा दिया। अगले साल से नई टैक्स व्यवस्था के तहत रिटर्न फाइल करने वालों को 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की जगह 75,000 रुपये का फायदा मिलेगा। इसके अलावा इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है, जिसके मुताबिक 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये की आय पर अब 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 6 लाख रुपये तक था।
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