Home on Rent | हमारा देश भारत एक विकासशील देश है। हर कोई अपने सपनों का घर नहीं खरीद सकता। कई लोग किराए के घर में रहकर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। किराएदार किराए के लिए मकान, दुकान, बर्तन जैसी संपत्ति का इस्तेमाल करते हैं। इसमें किरायेदार और मालिक दोनों के बीच एक समझौता किया जाता है। इस समझौते को रेंट एग्रीमेंट कहा जाता है। यह अनुबंध केवल उन दो व्यक्तियों के बीच किया जाता है। इससे मालिक और किराएदार दोनों को फायदा होता है। लेकिन कई लोग कुछ पैसे बचाने के लिए इस कॉन्ट्रैक्ट से बचते हैं। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
तो अब अगर आप भी किराए पर रह रहे हैं, या अगर आप किसी संपत्ति को किराए पर लेने की सोच रहे हैं, तो किरायेदारी समझौते के नियमों, इस समझौते के न होने के फायदे और नुकसान को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं आज का पूरा टेनेंसी एग्रीमेंट इस खबर से।
मॉडल टेनेंसी अधिनियम के अनुसार:
केंद्र सरकार के मॉडल टेनेंसी एक्ट के अनुसार, किरायेदार और मकान मालिक दोनों के लिए किरायेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर दोनों व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। भारत में रेंटल हाउसिंग की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए, कई राज्य अब भविष्य की गठबंधन नीति के साथ आने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए कई तरह के काम भी शुरू कर दिए गए हैं। मुख्य फोकस इस बात पर होगा कि इससे दोनों लोगों को क्या फायदा होगा।
मॉडल टेनेंसी एक्ट क्या है?
केंद्र सरकार ने भारत में मॉडल टेनेंसी एक्ट लागू किया है। इस एक्ट के तहत रेंटल एग्रीमेंट करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह समझौता तभी किया जा सकता है जब दोनों व्यक्ति इस पर हस्ताक्षर करें। इससे किरायेदारी समझौते में और पारदर्शिता आएगी। इसमें संपत्ति किराया राशि, अवधि और आशा प्रणाली के संबंध में कई नियम हैं।
रेंटल एग्रीमेंट में महत्वपूर्ण :
* किराए की सहमति देते समय कोई मौखिक समझौता नहीं करना चाहिए।
* रेंटल एग्रीमेंट करते समय दोनों व्यक्तियों को संबंधित राशि का भुगतान करना चाहिए।
* राशि का भुगतान करने से बचने के लिए मौखिक समझौता न करें।
* ऐसा करने में दोनों को आने वाले संकट का सामना करना पड़ता है।
* सब-रजिस्ट्रार यानी सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में टेनेंसी एग्रीमेंट रजिस्टर कराना वैध है।
* घर के मालिक द्वारा टिकटों को कागज पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
* यह स्टाम्प पेपर दोनों के हस्ताक्षर करने के बाद 2 गवाहों की उपस्थिति में सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकृत हो जाता है।
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