Big Update for Taxpayers | करदाता ध्यान दें! सरकार के नए टैक्स प्लान, TDS में बड़े बदलाव करने की तैयारी में सरकार

Big Update for Taxpayers

Big Update for Taxpayers | देश के करोड़ों करदाताओं को राहत देने के लिए एक और कदम उठाते हुए केंद्र सरकार टॅक्स कलेक्टेड ॲट सोर्स को किसी व्यक्ति द्वारा भुगतान की गई आय के स्रोत पर कर कटौती TDS से जोड़ने की तैयारी कर रही है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्तिगत करदाताओं का नकदी प्रवाह प्रभावित न हो। ध्यान दें कि अगर आप एक निश्चित सीमा से अधिक विदेश में खर्च करते हैं तो 1 जुलाई से 20% TCS टैक्स लागू हो जाएगा।

सीईए ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा, TCS को आपके TDS में इस तरह जोड़ा जाएगा कि अगर आपने TCS का भुगतान किया है तो यह TDS कम दिखेगा। TCS माल या सेवाओं की बिक्री के समय विक्रेता द्वारा लगाया जाने वाला कर है, जबकि TDS सरकार द्वारा लगाया जाने वाला कर है।

वित्तीय सलाहकार दी गई जानकारी
मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि सरकार ने TCS से सात लाख रुपये तक के लेनदेन को बाहर रखा है, जिससे छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी। इसका मतलब है कि ज्यादातर लेनदेन 20% TCS के दायरे में नहीं आएंगे।

विदेशों में खर्च पर कर
अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड खर्च पर 20% TCS नियम के एक जुलाई से लागू होने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह सात लाख रुपये तक के खर्च को TCS कवर से छूट दे दी थी।

TDS और TCS क्या हैं?
ITR फाइल करने की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में कई लोग TDS और TCS को लेकर असमंजस में नजर आते हैं। ध्यान दें कि करों को एकत्र करने के दो अलग-अलग तरीके हैं और TDS मतलब टॅक्स डिडक्शन एट सोर्स, जबकि TCS मतलब टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स। दोनों ही मामलों में पैसे के लेन-देन पर पैसे काटे जाते हैं। हालांकि यह पैसा सरकार के पास जमा हो चुका है, लेकिन दोनों के टैक्स चुकाने के तरीके में काफी अंतर है।

TDS मतलब क्या है?
वेतनभोगी व्यक्ति के वेतन से टैक्स काटकर राशि हाथ में सौंप दी जाती है, जिसे TDS कहा जाता है। TDS सिर्फ सैलरी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आपके द्वारा किए गए निवेश पर अर्जित ब्याज पर काटा गया टैक्स और कमीशन पर काटा गया टैक्स भी TDS के तहत आता है।

TCS मतलब क्या है?
TCS स्रोत पर करों का संग्रह है जो स्रोत पर लगाया गया कर है। यह कर केवल वस्तुओं की कुछ श्रेणियों के सौदों पर लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, TCS एक ऐसा कर है जो शराब, लकड़ी, कबाड़ या खनिजों के निर्माण जैसी चीजों पर लागू होगा। जब कोई सामान लेता है तो विक्रेता उस पर टैक्स भी जोड़ देता है, जिसे सरकार के पास जमा किया जाता है। हालांकि, TCS लेनदेन पर खपत नहीं लगा सकता है।

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News Title : Big Update for Taxpayers Know Details as on 27 May 2023

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