PM Ujjwala Yojana | कुछ साल पहले तक खासकर गांवों में लोग चूल्हे पर खाना बनाते थे। स्टोव के लिए आवश्यक ईंधन जलना या सिरप है। बेशक, पेड़ों को जलाने के लिए काटना पड़ता है। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हुआ बल्कि चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य समेत कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।
इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं :
लेकिन अब तस्वीर काफी बदल गई है। हाल के दिनों में, स्टोव पर पकाया जा रहा भोजन देखना दुर्लभ है। दरअसल, इसकी वजह लोगों के घर पर एलपीजी गैस होना है। सरकार ने गांवों में पहुंचकर लोगों को गैस सिलेंडर दिए हैं। इनके इस्तेमाल से न तो पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और न ही लोगों को कोई नुकसान हो रहा है। लोगों को घरेलू गैस सिलेंडर की सुविधा पर सब्सिडी भी दी जा रही थी, लेकिन कोरोना के चलते इसे रोक दिया गया और अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है। लेकिन अब हर किसी को यह नहीं मिलेगा। तो चलिए आज जानते हैं कि किसे यह सब्सिडी मिलेगी और आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं। चलिए फिर पता करते हैं।
गैस सिलेंडर पर किसे मिलती है सब्सिडी:
गुरुवार को केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने जानकारी दी थी कि जून 2020 से एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी किसी को नहीं दी जा रही है। हालांकि, उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभ लेने वाले ग्राहकों को 200 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।
गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ कैसे उठाएं :
स्टेप 1 : अगर आप गैस सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको उज्जवला गैस योजना का लाभार्थी होना चाहिए। अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं तो आपको अपनी गैस एजेंसी में जाना होगा।
स्टेप 2 : आपको जाकर अपने कुछ डॉक्युमेंट्स गैस एजेंसी में जमा करने होंगे। उदाहरण के लिए, आपकी गैस पासबुक और इसके अलावा, आपको यहां अपने बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी।
स्टेप 3 : इसके बाद गैस एजेंसी आपके डॉक्युमेंट्स को वेरिफाई कर सब्सिडी सीधे आपके बैंक अकाउंट में दे देती है। हालांकि, फिलहाल उज्ज्वला योजना से जुड़े लोगों को ही इस सब्सिडी का लाभ मिल रहा है।
Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है. इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.
Copyright © 2025 MaharashtraNama. All rights reserved.