Income Tax Return | देश के करोड़ों करदाताओं को आने वाले दिनों में बड़ी राहत मिलेगी। आयकर विभाग ने सोमवार को आम जनता से करीब छह दशक पुराने आयकर कानून की समीक्षा के लिये सुझाव मांगे। आयकर अधिनियम के अंतर्गत न केवल 6-7 करोड़ लोग आते हैं, बल्कि पूरे देश के लोग प्रभावित होते हैं। सरकार ने एक्ट में बड़े बदलावों पर चर्चा की है और 60 साल पुराने आयकर कानून के कुछ पन्नों को भविष्य में इतिहास से जोड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी बदलाव के लिए आम जनता से सुझाव मांगे हैं और कहा है कि हमारा पहला लक्ष्य कर से जुड़ी लालफीताशाही को दूर करना और आम आदमी के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना है। CBTD की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने आयकर कानून की समीक्षा के लिये एक आंतरिक समिति गठित की है जो चार तरीकों पर गौर करेगी और आवश्यकतानुसार बदलाव करेगी। नए बदलावों से आयकर की भाषा सरल होगी, विवाद कम करने पर ध्यान केंद्रित होगा, अनुपालन कम होगा और सही मायने में आम आदमी पर कर कानून लागू होंगे। इन चार पहलुओं पर मौजूदा कानून की समीक्षा के बाद सरकार इसमें उचित बदलाव करेगी।
आयकर विभाग को कैसे दें निर्देश
इस बीच CBTD ने इनकम टैक्स पोर्टल के जरिए आम जनता से अपने सुझाव भी मांगे हैं। आम जनता 13 अक्टूबर से निर्देश भेजकर ओटीपी के जरिए सत्यापन कर सकती है। अगर आप भी सुझाव भेजना चाहते हैं तो इस पोर्टल पर जाकर https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/ita-comprehensive-review भेज सकते हैं। आप पेज तक पहुंचने के लिए अपने मोबाइल नंबर और उस पर मिले OTP का उपयोग कर सकते हैं।
वर्तमान आयकर अधिनियम क्या है?
बजट में सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत मौजूदा नियमों में बदलाव का सुझाव दिया था। आयकर अधिनियम में वर्तमान में 298 धाराएं, 14 अनुसूचियां और 23 अध्याय हैं जिनके तहत आयकर अधिनियम की व्याख्या करने वाले कई नियम हैं। जुलाई 2024 में पेश बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि आयकर अधिनियम में संशोधन की प्रक्रिया अगले छह महीने में पूरी कर ली जाएगी ताकि जनवरी 2025 में काम की समय सीमा समाप्त हो जाए।
इसके अलावा सरकार ने पिछले दिनों इनकम टैक्स में कई बदलाव किए हैं। इनकम टैक्स को आसान बनाने के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था में अभी भी 80C समेत सभी छूट दी जा रही थी, वहीं नई टैक्स व्यवस्था में सरकार ने 72 तरह की छूट हटाकर टैक्स रेट घटा दिया है। जाहिर है सरकार की मंशा इनकम टैक्स फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की है और आगामी बजट सत्र में इस दिशा में और कदम उठाए जा सकते हैं।
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