Loan EMI | महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई फिर से ब्याज दरें बढ़ाने की तैयारी में है। अब इस संबंध में 7 दिसंबर को अहम फैसला लिए जाने की संभावना है।
एसोचैम ने रिजर्व बैंक को लिखे पत्र में कहा है, ‘रेपो दर में 0.25 से 0.35 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। अब, जब पिछली बार ब्याज दर बढ़ाई गई थी, तो ईएमआई को कैसे बदला गया था? आइए उनके गणित को सरल भाषा में समझते हैं।
एक व्यक्ति ने 7.55% की दर से 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया। उनके लोन की ईएमआई 24,260 रुपये है। 20 साल में उसे इस दर से 28,22,304 रुपये का ब्याज देना होगा। उन्हें 30 लाख रुपये की जगह कुल 58,22,304 रुपये देने होंगे।
उधार लेने के एक महीने बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की। इसलिए बैंक भी ब्याज दरों में 0.50% की वृद्धि करते हैं।
अब जब आपका दोस्त या दोस्त या रिश्तेदार उसी बैंक में लोन लेने जाएगा तो बैंक उन्हें 7.55% की जगह 8.05% की ब्याज दर बताएगा। उन्हें बदली हुई ब्याज दर के साथ लोन लेना होगा।
आपकी तरह उन्होंने भी सिर्फ 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया था। लेकिन इसकी ईएमआई 25,187 रुपये होगी। यानी आपकी ईएमआई से 927 रुपये ज्यादा। नतीजतन, आपके दोस्त को 20 वर्षों में कुल 60,44,793 रुपये का भुगतान करना होगा। यह राशि आपकी राशि से 2,22,489 अधिक होगी।
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