ICICI Customer Care | निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में संशोधन किया है। दोनों बैंकों की ये दरें 1 दिसंबर 2023 से लागू हो गई हैं। ज्यादातर बैंक हर महीने की पहली तारीख को MCLR तय करते हैं। पिछली बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अभी भी दरों में और बढ़ोतरी की गुंजाइश है।
ICICI बैंक
आईसीआईसीआई बैंक की एक दिन की MCLR को संशोधित कर 8.50% कर दिया गया है। तीन महीने की MCLR 8.55% और छह महीने की MCLR 8.90% है। एक साल का MCLR 9% हो गया है।
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में 0.05% की बढ़ोतरी की है। MCLR में बढ़ोतरी के बाद बैंक ऑफ इंडिया की रात की अवधि और एक महीने की MCLR क्रमश: 7.95% और 8.25% है। तीन महीने की MCLR अब 8.40% और छह महीने की MCLR 8.60% है। एक साल की MCLR 8.80% और तीन साल की MCLR 9% है।
ऑटो लोन, होम लोन की ईएमआई बढ़ेगी
MCLR बढ़ने से होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन पर ब्याज दरों पर असर पड़ेगा। लोन ग्राहकों को पहले के मुकाबले ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी। नया लोन निकालने वाले ग्राहकों को महंगा लोन मिलेगा।
MCLR क्या है?
MCLR को आरबीआई ने 1 अप्रैल 2016 को लागू किया था। यह वह न्यूनतम उधार दर है जिसके नीचे किसी भी बैंक को लोन देने की अनुमति नहीं है। MCLR का निर्धारण करते समय विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा जाता है, जिसमें जमा रेट , रेपो रेट , परिचालन लागत और नकद आरक्षित अनुपात को बनाए रखने की लागत शामिल है। रेपो रेट में बदलाव का असर MCLR रेट पर पड़ता है। MCLR में बदलाव से लोन की ब्याज दरें प्रभावित होती हैं। इससे लोन लेने वालों की ईएमआई बढ़ जाती है।
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