Wipro Shares Buyback | भारत की आईटी दिग्गज विप्रो ने 12,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद परियोजना पूरी कर ली है। इस योजना के तहत खुदरा निवेशकों की स्वीकृति दर 77.40 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि विप्रो ने खुदरा इक्विटी निवेशकों द्वारा पेश किए गए 77.40 प्रतिशत शेयरों की पुनर्खरीद की है। यह कंपनी के पिछले बाय बक के ट्रैक रिकॉर्ड के समान है।
पिछले चार पुनर्खरीद में खुदरा निवेशकों का पेशकश अनुपात 50 से 100 प्रतिशत के बीच रहा है। विप्रो का शेयर बुधवार, 5 जुलाई, 2023 को 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 393.85 रुपये पर बंद हुआ। गुरुवार ( 6 जुलाई , 2023) को शेयर 0.50% बढ़कर 396 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
कल के कारोबारी सत्र में विप्रो का शेयर 1.15 फीसदी की बढ़त के साथ 396.10 रुपये पर कारोबार कर रहा था। विप्रो ने बाजार से अपने 26.96 करोड़ शेयर वापस खरीदने की पुनर्खरीद योजना की घोषणा की थी। यह कंपनी की कुल शेयर पूंजी का 4.91 प्रतिशत है।
कंपनी ने इस बायबैक के लिए 445 रुपये प्रति शेयर के भाव का ऐलान किया था। इस हिसाब से इस बायबैक का आकार 12,000 करोड़ रुपये था। और रिकॉर्ड डेट 16 जून, 2023 थी। विप्रो ने 30 जून, 2023 को अपनी पुनर्खरीद पूरी की। खुदरा निवेशकों के लिए 15 प्रतिशत पुनर्खरीद कोटा आरक्षित था। विप्रो के शेयर रिकॉर्ड डेट को 381.30 रुपये पर बंद हुए थे। इसलिए निवेशकों ने लाभ का केवल 16.7 प्रतिशत कमाया।
पिछले एक साल में विप्रो का शेयर 5.34 फीसदी तक कमजोर हुआ है। कंपनी की बायबैक योजना से निवेशकों को महज 16 फीसदी का मुनाफा हुआ है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओशनल फाइनेंशियल सर्विसेज ने विप्रो के शेयर पर न्यूट्रल रेटिंग दी थी और शेयर का टारगेट प्राइस 360 रुपये घोषित किया था। यह टारगेट प्राइस मौजूदा प्राइस लेवल से नीचे है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि अगर विप्रो मजबूत पॉलिसी लागू करती है तो शेयर पटरी पर आ सकता है।
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