ITR Filing 2023-24 | वित्त वर्ष 2023 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 तय की गई है। इसलिए अगर आपने देय से ज्यादा टैक्स चुकाया है तो आपको रिफंड मिलेगा और अगर आपने कम भुगतान किया है तो आपको बाकी टैक्स देना होगा।
आईटीआर दाखिल करना एक बहुत ही जिम्मेदार काम है, इसलिए आप गलतियों की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं करते हैं। आपको डेडलाइन से पहले अपना ITR फाइल करना चाहिए ताकि आखिरी वक्त में भीड़ न हो। ऐसे में आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि इसे भरने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ITR Filing 2023-24 | वित्त वर्ष 2023 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 तय की गई है। इसलिए अगर आपने देय से ज्यादा टैक्स चुकाया है तो आपको रिफंड मिलेगा और अगर आपने कम भुगतान किया है तो आपको बाकी टैक्स देना होगा।
आईटीआर दाखिल करना एक बहुत ही जिम्मेदार काम है, इसलिए आप गलतियों की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं करते हैं। आपको डेडलाइन से पहले अपना ITR फाइल करना चाहिए ताकि आखिरी वक्त में भीड़ न हो। ऐसे में आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि इसे भरने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
फॉर्म -16 से पात्रता की जांच करें
फॉर्म-16 वेतनभोगी व्यक्ति के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। कंपनी से फॉर्म-16 प्राप्त करने के बाद आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पता लगा सकते हैं कि आपके पास कौन सा आईटीआर फॉर्म है। आम तौर पर कर्मचारियों के लिए दो फॉर्म उपलब्ध होते हैं, ITR -1 और ITR -2।
ITR फॉर्म में बदलाव
इस साल आयकर विभाग ने आईटीआर फाइलिंग फॉर्म में कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब आपको अपने नियमित विवरण के अलावा कुछ अतिरिक्त प्रकटीकरण की आवश्यकता होगी। अगर आपका तीन देशों- अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रिटायरमेंट अकाउंट है तो आपको इसकी जानकारी ITR -1 फॉर्म में देनी होगी।
इसके अलावा अगर आपने कर्मचारी निधि योजना में योगदान दिया है तो आपको इसकी जानकारी भी देनी होगी क्योंकि 2.5 लाख रुपये सालाना से ऊपर के ईपीएफ योगदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है।
ITR -1 और ITR -2 फॉर्म क्या हैं?
अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये या उससे कम है तो ITR -1 आपके लिए है। इस 50 लाख रुपये में वेतन, पेंशन का पैसा या संपत्ति, बचत खातों पर ब्याज, एफडी पर ब्याज, 5,000 रुपये तक की कृषि आय जैसे अन्य स्रोतों से आय शामिल है।
इसके अलावा अगर आपकी इनकम बिजनेस या बिजनेस इनकम से नहीं आती है और आप ITR -1 फॉर्म भरने के योग्य नहीं हैं तो आप ITR -2 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपने इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड या एसेट्स बेचकर इनकम अर्जित की है तो आपको इसके लिए ITR -2 फॉर्म का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही अगर आपकी विदेश में कोई संपत्ति है या आप विदेश में किसी कंपनी के सीधे मालिक हैं तो ऐसे में भी आपको ITR -2 फॉर्म चुनना चाहिए। ध्यान दें कि अगर आप गलत ITR फॉर्म चुनते हैं, तो आपका रिटर्न अवैध माना जाएगा।
Disclaimer : म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। hindi.Maharashtranama.com किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
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