Vedanta in Debt Trouble | 24 जनवरी को गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट सामने आई और महज एक महीने में गायब हो गई. जब हिंदेनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी तब अडानी समूह पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसके बाद यह ऋण अडानी समूह के लिए एक बड़ी बाधा बन गया था। लेकिन भारी कर्ज का बोझ सिर्फ अडानी ग्रुप पर ही नहीं है, बल्कि भारत के ‘स्क्रैप किंग’ कहे जाने वाले वरिष्ठ उद्योगपति पर भी है.
अडानी के बाद अब कौन है कर्ज के बोझ से दबा
भारतीय उद्योगपतियों के लिए साल 2023 कुछ खास अच्छा होता नहीं दिख रहा है। यह विशेष रूप से पेशेवरों के लिए एक बहुत ही कठिन समय है जिनकी कंपनियां ऋण के बोझ से दबी हुई हैं। अडानी ग्रुप का 236 अरब डॉलर का साम्राज्य एक महीने में 63 फीसदी प्रभावित हुआ है। हालांकि, केवल अडानी को ही नुकसान नहीं हुआ है। न केवल अडानी बल्कि उद्योगपति अनिल अग्रवाल, जिन्हें भारत के ‘स्क्रैप किंग’ के रूप में जाना जाता है, को भी कर्ज के बोझ तले दबा दिया गया है। उनकी कंपनियों पर भी भारी कर्ज है, जिसमें से 10 करोड़ डॉलर के बॉन्ड की तारीख जनवरी 2024 में ही तय है।
मुश्किल में भारत का ‘स्क्रैप किंग’
कर्ज का बोझ न केवल अडानी के लिए बल्कि अग्रवाल के लिए भी सिरदर्द बनता जा रहा है। अनिल अग्रवाल की कंपनी को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वेदांता रिसोर्सेज कभी लंदन में लिस्टेड शेयर मार्केट में लिस्टेड थी, उस पर भारी कर्ज है। जनवरी 2024 तक कर्ज से छुटकारा पाने की फिराक में चल रहे अग्रवाल अपनी कंपनी की कुछ संपत्तियों को बेचकर बोझ कम करना चाहते थे, लेकिन उनकी कोशिशें कामयाब नहीं हो पाईं।
क्या होगा यदि कर्ज का भुगतान नहीं किया जाता है?
वेदांता के अनिल अग्रवाल को 1.5 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर किया गया है और इस साल सितंबर में उन्होंने बॉन्ड के पुनर्भुगतान पर चर्चा शुरू की थी। अब इस साल और जनवरी 2024 में उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ है। वेदांता रिसोर्सेज अगस्त 2024 के बॉन्ड रेट्स में 70 सेंट से नीचे कारोबार कर रहा है। फंड जुटाने के लिहाज से वेदांता के लिए अगले कुछ हफ्ते चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अगर वेदांता फंड जुटाने में नाकाम रहती है तो उनकी क्रेडिट रेटिंग खराब होने की आशंका है। स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स ने कहा कि अगर फंड रेंज पूरी नहीं होती है तो वेदांता पर दबाव बढ़ सकता है।
अडानी बनाम अग्रवाल लोन
अनिल अग्रवाल की वेदांता कंपनी पर गौतम अडानी की कंपनियों की तुलना में तीन गुना कम कर्ज है। अडानी पर 24 अरब डॉलर का कर्ज है। इस बीच वेदांता का कर्ज का बोझ जहां अडानी के मुकाबले कम है, वहीं उसके बॉन्ड भी निवेश श्रेणी के हिसाब से सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं, जो कंपनी के लिए चिंता का विषय है। वेदांता रिसोर्सेज की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार मार्च 2022 के अंत तक कंपनी पर 9.66 अरब डॉलर का कर्ज था।
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