Viral Video of Moon | चंद्रयान-3 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा। इससे पहले 17 अगस्त को विक्रम लैंडर चंद्रयान के मुख्य यान से अलग हो गया था। तब से, डीबूस्टिंग प्रक्रिया भी सफल रही है। इसके बाद अब जहां सबकी निगाहें लैंडिंग पर टिकी हैं, वहीं इसरो ने चांद का एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो को विक्रम लैंडर पर लगे LPDC यानी लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे से शूट किया गया था। वीडियो में चांद की सतह को दिखाया गया है।
LPDC विक्रम लैंडर के निचले हिस्से पर लगा हुआ है। यह कैमरा वहां इसलिए लगाया गया है ताकि विक्रम लैंडर अपनी लैंडिंग के लिए सही और सपाट सतह का पता लगा सके। इस कैमरे की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विक्रम लैंडर उबड़-खाबड़ जगह पर न उतरे। यानी विक्रम लैंडर किसी क्रेटर में नहीं जाएगा।
लैंडिंग से पहले इस कैमरे को दोबारा चालू किया जा सकता है। क्योंकि जो तस्वीरें सामने आई हैं उनसे ऐसा प्रतीत होता है कि इस कैमरे को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया गया है। ताकि आप जांच सकें कि कैमरा कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है और फोटो कितनी स्पष्ट प्रदान कर सकता है। इस सेंसर का इस्तेमाल चंद्रयान-2 में भी किया गया था। उन्होंने भी अच्छा काम किया।
Chandrayaan-3 Mission:
View from the Lander Imager (LI) Camera-1
on August 17, 2023
just after the separation of the Lander Module from the Propulsion Module #Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/abPIyEn1Ad— ISRO (@isro) August 18, 2023
LPDC का काम विक्रम के लिए सही लैंडिंग स्पॉट ढूंढना है। लैंडर हैजार्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा, लेजर अल्टीमीटर, लेजर डॉप्लर वेलोसिटी मीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरा के पेलोड के साथ मिलकर काम करेगा। ताकि लैंडर को सुरक्षित सतह पर उतारा जा सके।
विक्रम लैंडर जब चांद की सतह पर उतरेगा तो उसकी रफ्तार करीब 2 मीटर प्रति सेकंड होगी। लेकिन क्षैतिज का मतलब है कि पृथ्वी की सतह की समानांतर गति 0.5 मीटर प्रति सेकंड होगी। विक्रम लैंडर 12 डिग्री झुकी हुई ढलान पर उतर सकता है। ये सभी उपकरण विक्रम लैंडर को गति, दिशा और सपाट जमीन खोजने में मदद करेंगे। लैंडिंग से करीब 500 मीटर पहले ये सभी उपकरण चालू हो जाएंगे।
Chandrayaan-3 Mission:
The Lander Module (LM) health is normal.LM successfully underwent a deboosting operation that reduced its orbit to 113 km x 157 km.
The second deboosting operation is scheduled for August 20, 2023, around 0200 Hrs. IST #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/0PVxV8Gw5z
— ISRO (@isro) August 18, 2023
चंद्रमा को पृथ्वी के कई रहस्यों को सुलझाने की भी भविष्यवाणी की गई है। साथ ही चांद पर जीवन की संभावनाओं की जांच की जा रही है। चंद्रयान-3 सौरमंडल के बचे-खुचे कई रहस्यों को सुलझा सकता है। चंद्रमा का दक्षिणी भाग दुनिया के लिए अज्ञात है। इसलिए चंद्रयान-3 वहां रिसर्च कर नई जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगा।
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