Vodafone Idea Share Price | कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयर में हाल ही में तेजी आई है। वोडाफोन आइडिया में सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है। लेकिन सरकार फिलहाल कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करने के मूड में नहीं है। कंपनी 27 फरवरी को धन जुटाने की योजना बना रही है। इसका इस्तेमाल 5G सेवाओं को लॉन्च करने और कर्ज कम करने के लिए किया जाएगा।
कुमार मंगलम बिर्ला की आदित्य बिर्ला समूह और ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन पीएलसी वोडाफोन आइडिया के प्रवर्तक हैं। हालांकि, सबसे बड़ा योगदान सरकार का है। सूत्रों के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी बेचने की सरकार की कोई योजना नहीं है। समय आने पर ही कोई फैसला लिया जाएगा। बुधवार ( 28 फ़रवरी, 2024) को शेयर 12.37% गिरवाट के साथ 13.9 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार का मानना है कि कंपनी को पहले विश्वसनीय रिवाइवल प्लान के साथ आना चाहिए। इसके बाद ही सरकार कंपनी से बाहर निकलने का फैसला ले सकती है। कंपनी पर 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और इसका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। करीब एक साल पहले सरकार ने एरियर के बदले कंपनी में हिस्सेदारी लेने का फैसला किया था। तब से, कंपनी के शेयरों में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल 3 फरवरी को शेयर का भाव 6.85 रुपये था। शुक्रवार को कीमत बढ़कर 17 रुपये हो गई है।
अगर सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी बेचती है तो उसे अच्छा रिटर्न मिल सकता है। एक साल पहले सरकार ने वोडाफोन आइडिया के शेयर 10 रुपये में खरीदकर बड़ा जोखिम उठाया था। उस समय इसकी मार्केट प्राइस 6.85 रुपए थी। लेकिन कंपनी अधिनियम के तहत, शेयर को उसके प्राइस से कम कीमत पर नहीं खरीदा जा सकता है।
वोडाफोन आइडिया ने 22 फरवरी को फंड जुटाने की अपनी योजना की घोषणा की थी। कंपनी को अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है और विशेषज्ञों का कहना है कि यह उस दिशा में पहला कदम है। रिलायंस जियो और एयरटेल के बाद वोडाफोन आइडिया देश की सबसे बड़ी कंपनी है। हालांकि, पिछले कुछ समय से इसका ग्राहक आधार लगातार घट रहा है।
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