
Vodafone Idea Share Price | टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाए से संबंधित वोडाफोन आइडिया की माफी याचिका खारिज कर दी है। कंपनी ने अपने एडजस्टेड ग्रॉस रेवन्यू पर ब्याज और दंड माफ करने की मांग की थी। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकृत कर दिया है। अब तक वोडाफोन आइडिया पर 83,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। कंपनी को पहली किश्त 31 मार्च 2026 तक चुकानी होगी।
शेयर गिर गए
टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट य ने कंपनियों के AGR पर ब्याज छूट देने की याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम, टाटा टेली सर्विसेस ने दायर की थी। इस खबर के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर 19 मई को बड़े पैमाने पर गिर गए। 7.37 रुपये के बंद मूल्य की तुलना में यह शेयर 7.19 रुपये पर खुला। उसके बाद शेयर की कीमत गिरकर 6.82 रुपये पर आ गई।
क्या है मामला
वोडाफोन आइडिया ने सर्वोच्च न्यायालय में AGR बकाया माफ करने के लिए याचिका दायर की थी। कंपनी ने बकायों पर 45,457 करोड़ रुपये से अधिक की दंड और ब्याज माफ करने की मांग की थी। वोडाफोन आइडिया ने अदालत को बताया था कि, कंपनी में सरकार का 49% हिस्सा है। AGR निर्णय की दिक्कतों के कारण सरकार कोई भी मदद नहीं दे सकती। लेकिन उन्होंने भागीदार के रूप में काम करने और कंपनी को बचाने में मदद करने की सलाह दी। कंपनी के पास 59 लाख से अधिक छोटे शेयरधारक हैं। इस मदद का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
न्यायालय ने कहा कि एजीआर का निर्णय अंतिम है। न्यायालय ने कंपनी के तर्कों को खारिज कर दिया और याचिका खारिज कर दी। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार को एजीआर भुगतान वसूल करने का पूर्ण अधिकार है।
वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, भारती एक्जिक्युटर और टाटा टेलीसर्विसेज ने याचिका दाखिल की थी। वोडाफोन ने इससे पहले दूरसंचार विभाग से मदद मांगी थी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण दूरसंचार विभाग ने राहत देने से इनकार कर दिया। अब तक कंपनी पर लगभग 83000 करोड़ रुपये एजीआर देने बाकी हैं। कंपनी को हर साल 18000 करोड़ रुपये देने होंगे। कंपनी की पहली किस्त 31 मार्च 2026 को आएगी। एजीआर विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ फैसला दिया था। न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को सरकार के दावों के अनुसार पूरे पैसे देने का आदेश दिया था। वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि सरकारी मदद के बिना वे वित्तीय वर्ष 26 के बाद काम करना जारी नहीं रख पाएंगे।