IPO GMP | बजाज फाइनैंस की सब्सिडियरी बजाज हाउसिंग फाइनैंस ने आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज का मसौदा जमा कराया है। कंपनी आईपीओ से 7,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। (बजाज हाउसिंग फाइनैंस कंपनी लिमिटेड अंश)
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के निदेशक मंडल ने छह जून को आईपीओ को मंजूरी दी थी। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस का मसौदा सेबी के पास ई-फाइल कर दिया गया है। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। ऑफर फॉर सेल में 2,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाएंगे।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ के पीछे एक वजह भारतीय रिजर्व बैंक का नियम भी हो सकता है। RBI ने बजाज हाउसिंग फाइनेंस को ऊपरी परत NBFC की सूची में स्थान दिया है। अपर लेयर कैटेगरी में शामिल एनबीएफसी को यह स्टेटस मिलने के 3 साल के भीतर खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराना होगा।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास सूचीबद्ध होने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है। बजाज हाउसिंग फाइनैंस के अलावा आरबीआई की ओर से शीर्ष पर सूचीबद्ध अन्य एनबीएफसी में टाटा संस, एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज, टाटा कैपिटल फाइनैंशल सर्विसेज, आदित्य बिर्ला फाइनैंस और सांघवी फाइनैंस शामिल हैं।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और एसबीआई कैपिटल को आईपीओ के लिए सलाहकार नियुक्त किया है। हाल ही में हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर की दो कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई हैं। इनमें ब्लैकस्टोन के निवेश के साथ आधार हाउसिंग फाइनेंस और वेस्टब्रिज के निवेश के साथ इंडिया शेल्टर फाइनेंस शामिल हैं।
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