Droneacharya Aerial Innovations Share Price | ड्रोन आचार्य एरियल इनोवेशन लिमिटेड पुणे स्थित ड्रोन स्टार्टअप कंपनी द्वारा सूचीबद्ध किए जाने के बाद से लगातार ऊपरी सर्किट को हिट कर रहा है। सूचीबद्ध होने के बाद से यह शेयर लगातार 14 कारोबारी सत्रों में ऊपरी सर्किट में पहुंच गया था। ‘ड्रोन आचार्य एरियल इनोवेशन लिमिटेड’ के शेयर शुक्रवार, 13 जनवरी 2023 को 4.99 फीसदी की गिरावट के साथ 209.25 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे हैं। अभी शेयर में मुनाफावसूली जरूर शुरू हुई है इसलिए शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है। ये ड्रोन सॉल्यूशंस स्टॉक 23 दिसंबर, 2022 को बीएसई-एसएमई एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुआ था। आईपीओ के निर्गम मूल्य की तुलना में कंपनी के शेयरों में 325 प्रतिशत की मजबूती आई। ‘ड्रोन आचार्य एरियल इनोवेशन्स लिमिटेड’ का आईपीओ दिसंबर 2022 में निवेश के लिए खोला गया था। आईपीओ में शेयर का मूल्य दायरा 52 रुपये से 54 रुपये प्रति इक्विटी शेयर घोषित किया गया था। (Stock Market LIVE, Share Market LIVE, BSE – NSE LIVE, Nifty 50 LIVE, Sensex LIVE, SGX Nifty live, Droneacharya Aerial Innovations Share Price | Droneacharya Aerial Innovations Stock Price | BSE 543713)
शेयर की कीमत का इतिहास
दिसंबर 2022 में ‘ड्रोन आचार्य एरियल इनोवेशन लिमिटेड’ ने 52 रुपये से 54 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के प्राइस बैंड पर निवेश के लिए अपना आईपीओ खोला था। 23 दिसंबर, 2022 को बीएसई-एसएमई इंडेक्स पर शेयर 102 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए थे। जिन भाग्यशाली निवेशकों को ये आईपीओ शेयर मिले थे, उनका लिस्टिंग मुनाफा 90 फीसदी था। लिस्टिंग के पहले दिन शेयर की कीमत में 90 फीसदी की तेजी आई थी। तब से, इस ड्रोन स्टॉक को लगातार 5 प्रतिशत के ऊपरी सर्किट की आवश्यकता होती है। 23 दिसंबर, 2022 को बीएसई-एसएमई एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने के बाद से यह शेयर लगातार 14 कारोबारी सत्रों में सर्किट पर कारोबार कर रहा था।
मल्टीबैगर IPO रिटर्न
पिछले एक महीने में इस ड्रोन कंपनी का स्टॉक मल्टीबैगर रिटर्न ऑफर करने वाला आईपीओ निकला है। कंपनी ने 52-54 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के भाव पर आईपीओ जारी किया था। एक आईपीओ लॉट में, 2,000 शेयर जारी किए गए थे। निवेशकों को बहुत कुछ खरीदने के लिए कम से कम 1.08 लाख रुपये जुटाने पड़े। जिन लोगों को आईपीओ शेयर आवंटित किए गए थे, उनके 1.08 लाख रुपये के निवेश का मूल्य सूचीबद्धता के पहले दिन 4.40 लाख रुपये था।
अप्पर सर्किट क्या है?
जब कोई स्टॉक मात्रा से अधिक खरीदा जाता है, तो अप्पर सर्किट उस स्टॉक से टकराता है। यानी एक्सचेंज में उन शेयरों का लेन-देन रुक जाता है। यह सब बाजार नियामक सेबी द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार था। इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में अपर सर्किट और लोअर सर्किट लेनदेन 28 जून, 2001 से शुरू हो गए हैं। सर्किट लिमिट इस बात की सीमा तय करती है कि एनएसई या निफ्टी जैसे कितने उतार-चढ़ाव वाले इंडेक्स और बीएसई में सेंसेक्स एक दिन में ऊपर-नीचे हो सकते हैं। इसमें 5 फीसदी, 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी के फिल्टर हैं।
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