
Cochin Shipyard Share Price | ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने पाकिस्तान को जोरदार जवाब दिया। इस संघर्ष में भारतीय निर्मित मिसाइलें और ड्रोन पाकिस्तान की रडार को धोखा देते रहे। उसी समय भारत का हवाई क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित था। दोनों देशों के बीच अब युद्धविराम होने के बावजूद, भारतीय रक्षा कंपनियों के शेयरों में वृद्धि हो रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा क्षेत्र में अधिक ऑर्डर मिलने की निवेशकों को उम्मीद है। जिससे 9 मई से डिफेंस शेयरों में लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
ये शेयर ऊपर है
ड्रोन उत्पादक कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी ऊपर है। कंपनी के शेयर 8 मई से 56% बढ़ गए हैं। युद्ध के लिए जहाज बनाने वाली कंपनी कोचीन शिपयार्ड के शेयर 41% और जीआरएसई 40% बढ़ गए हैं। मिश्रा धातु निगम, जेन टेक्नोलॉजिज, पारस डिफेंस और डेटा पैटर्न के शेयर भी 30% से अधिक बढ़े हैं। तेजस जेट्स और ध्रुव हेलीकॉप्टर बनाने वाली रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी एचएएल के शेयरों में 16% की वृद्धि हुई है। स्वदेशी हथियारों की सफलता के कारण सरकार रक्षा क्षेत्र को अधिक ऑर्डर देगी ऐसी निवेशकों को आशा है। इससे निर्यात के नए अवसर भी खुलेंगे।
नई शुरुआत
जो लोग इस क्षेत्र का दीर्घकालिक अवलोकन कर रहे हैं उन्हें पता है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की भरभराट केवल एक नई शुरुआत है। जुलाई 2022 से जुलाई 2024 के बीच, निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में 350% की वृद्धि हुई थी। लेकिन बाजार की सतर्कता के कारण, फरवरी 2025 तक यह 38% तक गिर गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक बार फिर इन शेयरों में गति प्रदान की है।
8.45 लाख करोड़ के ऑर्डर
एंटीक्स के संजीव बी जरबडे कहते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-25 के दौरान रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 8.45 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दी है। पिछले तीन वर्षों में मंजूर हुए प्रस्तावों की तुलना में यह आंकड़ा 3.3 गुना अधिक है। आने वाले कुछ वर्षों में और बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं। इसमें परियोजना 18 के तहत 800 अरब रुपये मूल्य के 8 अगली पीढ़ी के विनाशकों का समावेश है। इसके अलावा, परियोजना 76 के तहत 12 पनडुब्बियों का भी समावेश है। इसकी कीमत 1,200-1,500 अरब रुपये हो सकती है। भारत 2028 तक तीसरे विमानवाहक जहाज की योजनाओं को अंतिम रूप दे सकता है, जिसे 2038 तक तैनात किया जा सकता है।
बाय रेटिंग
ब्रोकरेज जेफरीज का एचएएल (टारगेट ₹ 4,715), डेटा पैटर्न (₹ 2,690) और बीईएल (₹ 325) पर बाय रेटिंग है। रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत खर्च बढ़ने के कारण इन कंपनियों की आय में अच्छी वृद्धि होगी, ऐसी उम्मीद जेफरीज को है। इसी समय कुछ विशेषज्ञ इस वृद्धि को लेकर चिंता में हैं क्योंकि बाजार मूल्यांकन बहुत अधिक हो गया है।