Sovereign Gold Bond | वैश्विक अस्थिरता के सोने में सुरक्षित और शानदार तरीके से निवेश करने का एक बार फिर सुनहरा मौका है। इस समय सर्राफा बाजार में सोने की कीमत आसमान छू रही है, अगर आप बाजार भाव से नीचे सोना खरीदना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की तीसरी सीरीज सोमवार 18 दिसंबर को जारी करेगा, जिसके लिए इश्यू प्राइस तय कर दिया गया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू कीमत
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किस्त का इश्यू कीमत 6,199 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है और यह निर्गम 18 दिसंबर से पांच दिन के लिए निवेश के लिए खुलेगा। ऑनलाइन गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी मिलेगी। वर्ष 2023-24 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजनाओं की तीसरी सीरीज 18 से 22 दिसंबर तक निवेश के लिए खुली रहेगी।
सरकारी गोल्ड बॉन्ड पर सोने जैसा रिटर्न
आरबीआई केंद्र सरकार की तरफ से गोल्ड बॉन्ड जारी करता है, इसलिए इनमें निवेश की गारंटी सरकार देती है। आरबीआई ने पहली बार नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम लॉन्च की थी, जिसमें निवेश पर सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। सरकारी योजना निवेश पर 2.5% की वार्षिक ब्याज दर प्रदान करती है जो हर छह महीने में निवेशकों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कहां से खरीद सकते हैं?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघर, एनएसई और बीएसई द्वारा बेचे जाते हैं।
गोल्ड बॉन्ड खरीदने की सीमा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में एक व्यक्ति की एक वित्त वर्ष में अधिकतम चार किलोग्राम और न्यूनतम एक ग्राम की निवेश सीमा होती है। वहीं, ट्रस्ट या इसी तरह की इकाइयां 20 किलोग्राम तक के बॉन्ड खरीद सकती हैं। ध्यान दें कि आवेदन कम से कम एक ग्राम और उसके बंडल में जारी किए जाते हैं।
क्या आपको SGB योजना में निवेश करना चाहिए?
यदि कोई निवेशक आठ साल की मैच्युरिटी अवधि के लिए गोल्ड बॉन्ड रखता है, तो SGB एक लाभदायक निवेश होगा। परिपक्वता तक बॉन्ड में निवेश जारी रखने से लाभ कर मुक्त होगा। आरबीआई की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम न सिर्फ बैंक एफडी जैसे निवेश विकल्पों से बेहतर रिटर्न देती है बल्कि रिटर्न के साथ सुरक्षा की गारंटी भी देती है। इसके अलावा सोने की बढ़ती कीमत से निवेशकों को फायदा होता है और सोने की खरीद पर ब्याज भी मिलता है। यदि निवेशक मैच्युरिटी तक बॉन्ड रखते हैं, तो मैच्युरिटी पर प्राप्त आय कर-मुक्त होगी।
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