Electronic Gold Receipt | अगर आपके घर में सोने के गहने या बिस्कुट रखे हैं तो आप इस पर टैक्स छूट पा सकते हैं, लेकिन इसकी एक शर्त है। इस आशय की घोषणा 1 फरवरी, 2023 को बजट में की गई है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अगर आपका फिजिकल गोल्ड ई-गोल्ड या ई-गोल्ड फिजिकल गोल्ड में बदल जाता है तो आपको इस पर कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होगा। यानी अगर आप अपने सोने को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदलते हैं तो आपको स्वतंत्र रूप से कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होगा।
सोने में आपका निवेश लंबी अवधि के निवेश की श्रेणी में आ सकता है। और अगर इसे एक निश्चित अवधि के बाद बेचा जाता है, तो आपको इस पर एलटीसीजी यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स देना होगा।
सोने में निवेश
सोने में निवेश को बचत का पारंपरिक साधन माना जाता है। आज भी भारतीय परिवारों के पास आभूषणों के रूप में सोने का एक बड़ा भंडार है। लेकिन अब बदले हुए दौर में सोने में निवेश का स्वरूप भी बदल गया है। नई पीढ़ी के लोगों के साथ-साथ कई विशेषज्ञ अब सोने के आभूषण यानी फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। अब सरकार ने ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने का एक तरीका भी बनाया है।
डिजिटल गोल्ड के फायदे
डिजिटल गोल्ड में निवेश की बात करें तो फिजिकल गोल्ड में पारंपरिक तरीके से निवेश करने पर कई नुकसान होते हैं। बैंक लॉकर में रखने पर साथ रखने पर सुरक्षा का लगातार डर बना रहता है। इसके अलावा जरूरत के समय जब आप इन्हें बेचते हैं तो आपको पूरी रकम भी नहीं मिलती है। हालांकि, डिजिटल गोल्ड के मामले में, उपरोक्त के साथ कोई समस्या नहीं है और कुछ ही मिनटों में इसे बदले में नकद मिलता है।
किस हालत में मिलेगी टैक्स छूट
अब मैं आपको एक ऐसा तरीका बताता हूं जिसका इस्तेमाल कर के आप फिजिकल गोल्ड को डिजिटल गोल्ड में बदल सकते हैं और ऐसा करने के लिए आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2023 के बजट में एक प्रस्ताव रखा है। इसके तहत फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट यानी ई-गोल्ड में बदलना टैक्सेबल नहीं होगा। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
लेकिन एक शर्त है
उपरोक्त मामले में आप एक शर्त पर कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप सोने को कन्वर्ट करते हैं तो आपको कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होगा, चाहे आपने सोना कितने भी समय तक अपने पास रखा हो। हालांकि, अगर आप उसी सोने को बेचने जाते हैं, तो आपको उस पर टैक्स देना होगा। निवेश के बाद आपने सोने पर जो मुनाफा कमाया है, यानी उस दौरान सोने की कीमत बढ़ी है, वो आपका मुनाफा है, इस मुनाफे पर आपको टैक्स देना होता है। यानी खर्च पर मिलने वाले मुनाफे के लिए आपको एलटीसीजी के तहत टैक्स देना होगा।
ई-गोल्ड या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड क्या है?
ई-गोल्ड या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद एक ऑनलाइन चालान है जिसमें सोने का मूल्य होता है। ऐसे सोने का कारोबार शेयर बाजार में भी होता है। सोना सबसे पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बीएसई द्वारा उनसे लॉन्च किया गया था। इसके तहत निवेशक सोना डिमटेरियलाइज्ड रूप में खरीदते हैं और सोने के सिक्के, बिस्कुट या आभूषण की जगह उन्हें एक रसीद मिलती है, जो सोने के मूल्य को इंगित करती है।
महत्वपूर्ण: अगर आपको यह लेख/समाचार पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अगर आप भविष्य में इस तरह के लेख/समाचार पढ़ना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दिए गए ‘फॉलो’ बटन को फॉलो करना न भूलें और महाराष्ट्रनामा की खबरें शेयर करें। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। शेयर खरीदना/बेचना बाजार विशेषज्ञों की सलाह है। म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित है। इसलिए, किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए महाराष्ट्रनामा.कॉम जिम्मेदार नहीं होगा।
Copyright © 2024 MaharashtraNama. All rights reserved.