Rule Change 1st June 2023 | मई के अंत तक केवल दो दिन बचे हैं। ऐसे में जून की शुरुआत से कुछ बदलाव होंगे। इसका सीधा असर आपके मासिक बजट और जेब पर पड़ेगा। हर महीने की 1 तारीख को कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिनका सीधा संबंध आपके मासिक बजट और पैसों से होता है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम सभी हर महीने की पहली तारीख को होने वाले परिवर्तनों से अवगत हों। आइए जानते हैं जून के पहले दिन क्या बदलाव होने वाले हैं।
क्या सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में बदलाव होगा?
सीएनजी-पीएनजी को हर महीने की 1 तारीख को संशोधित किया जाता है। हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में अपनी कीमतों में सुधार करती हैं। नतीजतन, उनकी कीमतें कम या ऊपर जा सकती हैं। अप्रैल में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और मुंबई दोनों जगह सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में कटौती की गई थी। हालांकि मई में दोनों की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में देखना होगा कि जून के महीने में इन दोनों की कीमत में कोई बदलाव होगा या नहीं।
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को सबसे बड़ा बदलाव गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव का होता है। एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें सरकारी तेल एवं गैस कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को तय करती हैं। अप्रैल और मई में सरकारी गैस कंपनियों ने 19 किलोग्राम के कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में कटौती की थी। हालांकि, 14 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है। पिछली बार सरकार ने मार्च 2023 में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की कटौती की थी।
इलेक्ट्रिक टू व्हीलर वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी
जून के महीने में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की कीमत में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अगर आप जून के महीने में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। दरअसल, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर सरकार की सब्सिडी कम कर दी गई है। इससे पहले, सब्सिडी 15,000 रुपये प्रति किलोवाट थी। सरकार ने अब सब्सिडी में 10,000 रुपये प्रति किलोवाट की कटौती की है। सरकार के इस फैसले के बाद इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की कीमत में 25,000 रुपये से 30,000 रुपये तक का इजाफा होने की संभावना है।
बैंक लोगों का पैसा वापस करेगा
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में ‘100 दिन 100 पे’ अभियान की घोषणा की थी। यह अभियान एक जून से शुरू होगा। यह अभियान उन जमाओं को खोजने के लिए चलाया जाएगा जो हकदार नहीं हैं। इसमें देश के हर जिले में 100 दिनों के भीतर बैंक की 100 लावारिस जमा राशि का पता लगाया जाएगा, ताकि उनका निपटान किया जा सके। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक को करीब 35,000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि हस्तांतरित की थी। यह रकम उन खातों से होती है जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
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