Personal Loan | आरबीआई का नया नियम लागू होने से कर्जदारों को अब ज्यादा पर्सनल लोन लेने में दिक्कत होगी। इसके मुताबिक कर्जदारों को अब क्रेडिट ब्यूरो में एक महीने पहले की जानकारी 15 दिन के भीतर अपडेट करनी होगी। हर दो सप्ताह में अपडेट किए गए रिकॉर्ड के साथ, कम लोग अब कई लोन प्राप्त कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगस्त में जारी किए गए नए निर्देशों को लागू करने के लिए 1 जनवरी तक का समय दिया गया था. यह नियम अब लागू हो गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि इससे कर्जदारों को कर्ज लेने वालों के जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिलेगी। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी क्रिफ हाई मार्क के प्रेसिडेंट सचिन सेठ कहते हैं, ‘EMI का भुगतान महीने की अलग-अलग तारीखों पर किया जाता है। महीने में एक बार रिपोर्ट करने से चूक में 40 दिनों तक की देरी हो सकती है या भुगतान जानकारी दिखाई दे सकती है। लेकिन रिपोर्टिंग समय को घटाकर 15 दिन करने से यह देरी काफी कम हो जाएगी। अधिक लगातार अपडेट के साथ, करदाता लगभग वास्तविक समय में चूक या भुगतान के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
कई उधार लेने की आदतें
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में एसबीआई के प्रेसिडेंट सीएस शेट्टी ने कहा था, ‘जब कोई नया बॉरोअर लोन लेता है और क्रेडिट सिस्टम का हिस्सा बन जाता है तो उसे कई जगहों से ज्यादा लोन मिलता है। यह इसे चुकाने की क्षमता से अधिक हो सकता है। ऐसे में SBI ने कई मौकों पर रिकॉर्ड अपडेट करने का सुझाव दिया था ताकि उधारकर्ता को कर्ज लेने वालों के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके। इससे एक ही व्यक्ति की कई बार कर्ज लेने की आदत कम हो जाएगी।
सचिन सेठ कहते हैं, ‘अगर उधारकर्ता ने कई लोन लिए हैं और उनकी EMI की तारीखें अलग-अलग हैं। इसके साथ ही अब दो सप्ताह में इसकी वित्तीय गतिविधियां सिस्टम में दिखाई देंगी। यह उधारकर्ताओं को उधारकर्ता के क्रेडिट व्यवहार के बारे में स्पष्ट और अद्यतित जानकारी प्रदान करेगा। उधारकर्ताओं का कहना है कि डेटा को बार-बार अपडेट करने से ‘एवरग्रीनिंग’ जैसी गतिविधियों को भी रोका जा सकेगा। इसमें पुराना कर्ज नहीं चुका पाने पर कर्ज लेने वाले नया कर्ज निकाल लेते हैं और सिस्टम में जोखिम की जानकारी दिखाई नहीं देती है। रिपोर्टिंग समय को आधे में कम करने से क्रेडिट ब्यूरो और उधारकर्ताओं को अधिक सटीक और विश्वसनीय जानकारी मिलेगी। इससे फैसलों में सुधार होगा और लोन देने की व्यवस्था मजबूत होगी।
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