ITR Filing

ITR Filing | प्राप्तिकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सभी सात ITR फॉर्म जारी कर दिए हैं। वेतनभोगी लोगों को अपने कंपनी से फॉर्म 16 मिलता है। इसमें उनका वेतन, कर कटौती और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी होती है। लेकिन यदि फॉर्म 16 नहीं है तो क्या बिना फॉर्म 16 के ITR भरा जा सकता है, यह प्रश्न कई लोगों को आता है। आप फॉर्म 16 के बिना भी आसानी से ITR जमा कर सकते हैं। कुछ वैकल्पिक डॉक्युमेंट्स की मदद से आप अपना ITR कैसे दाखिल कर सकते हैं।

फॉर्म 16 क्या है
सबसे पहले, फॉर्म 16 का मतलब समझते हैं। फॉर्म 16 आपके कंपनी द्वारा आपको दिया गया TDS प्रमाणपत्र है। इसमें आपकी वार्षिक वेतन, उस पर कटा हुआ कर और कर छूट (जैसे कि 80C, 80D) के बारे में जानकारी होती है। यह फॉर्म सामान्यतः मई के अंत या जून के मध्य तक उपलब्ध होता है, क्योंकि कंपनी को इसे 15 जून तक जारी करना होता है। फॉर्म 16 ITR दाखिल करने के लिए बहुत उपयोगी है। क्योंकि फॉर्म 16 सभी जानकारी एक ही स्थान पर प्रदान करता है। लेकिन यदि फॉर्म 16 नहीं है तो चिंता न करें। ऐसे कई वैकल्पिक डॉक्युमेंट्स हैं जिनकी मदद से आप अपनी रिटर्न आसानी से दाखिल कर सकते हैं.

फॉर्म 16 के बिना आयटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया
आयटीआर दाखिल करने के लिए फॉर्म 16 होना आवश्यक नहीं है। आप आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर फॉर्म 16 के बिना भी अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ वैकल्पिक दस्तावेज एकत्र करने होंगे, जो आपकी आय, कर और छूट के बारे में जानकारी दे सकें। ये दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हैं और उनकी मदद से आप सही तरीके से आयटीआर दाखिल कर सकते हैं। आपके लिए कौन से दस्तावेज उपयोगी हो सकते हैं यह जान लेते हैं।

फॉर्म 26AS:
टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंटफॉर्म 26AS आपका कर क्रेडिट स्टेटमेंट है। यह आयकर विभाग के TRACES पोर्टल पर उपलब्ध है। इसमें आपकी सैलरी से, ब्याज से या अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस की पूरी जानकारी होती है। अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है तो फॉर्म 26AS आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। आप इसे आयकर वेबसाइट (www.incometax.gov.in) से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें केवल सैलरी से काटा गया टीडीएस ही नहीं, बल्कि बैंक के ब्याज, किराए या अन्य आय पर काटा गया कर भी शामिल है।

सैलरी स्लिप : आय का प्रमाण पत्र
अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है, तो आपकी सैलरी स्लिप बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। इसमें आपकी मूल पगार, एचआरए (घर भाड़ा भत्ता) और अन्य भत्तों की जानकारी होती है। पूरे वित्तीय वर्ष की पगार की पर्चियां इकट्ठा करें, खासकर मार्च महीने की पर्ची। क्योंकि इसमें वार्षिक आय की जानकारी होती है। इस पर्ची की मदद से आप अपनी कुल आय का हिसाब लगा सकते हैं और आयकर रिटर्न फॉर्म में सही जानकारी भर सकते हैं। अगर आपके पास पगार की पर्ची नहीं है, तो आप अपनी कंपनी से वार्षिक आय विवरण मांग सकते हैं।

बैंक स्टेटमेंट : आय और ब्याज की रिकॉर्ड
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपका बैंक स्टेटमेंट भी बहुत उपयोगी है। इसमें आपके वेतन का क्रेडिट, ब्याज आय (बचत खाते या सावधि जमा से) और अन्य लेन-देन की जानकारी होती है। यदि आप किराए से या फ्रीलांसिंग के जरिए कमाई कर रहे हैं, तो वह भी आपके बैंक स्टेटमेंट में दर्ज किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि आपने कर बचाने के लिए कोई निवेश किया है (जैसे कि PPF, ELSS या बीमा प्रीमियम) तो उसकी रिकॉर्ड भी बैंक स्टेटमेंट में दिखाई देगी। इन सभी की मदद से आप अपनी आय और छूटों की सटीक गणना कर सकते हैं।

निवेश का प्रमाण और छूट
कर बचाने के लिए आपने जो निवेश किया है जैसे कि 80C (PPF, ELSS, जीवन बीमा), 80D (स्वास्थ्य बीमा) या HRA (किराया भुगतान) दस्तावेज़ इकट्ठा करें। इसमें निवेश रसीदें, किराया रसीदें या बीमा प्रीमियम भुगतान विवरण आदि शामिल हो सकते हैं। यदि आपने होम लोन लिया है तो उसका ब्याज और मूलधन भुगतान का विवरण भी उपयोगी रहेगा। ये सभी दस्तावेज़ ITR दाखिल करते समय छूट प्राप्त करने में मदद करेंगे।

पैन और आधार कार्ड
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य है। ये दोनों केवल आपकी पहचान साबित नहीं करते बल्कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करके रिटर्न की जांच करने के लिए भी आवश्यक है। आधार कार्ड की मदद से आप आसानी से ई-वेरीफिकेशन कर सकते हैं, जो आईटीआर फाइलिंग का अंतिम चरण है।