Income Tax Slab | नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में करदाताओं को बड़ी राहत देने के लिए तैयार है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 में आयकर अधिनियम की धारा 80C की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर सकती हैं। यह फैसला देश के करोड़ों करदाताओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है।
धारा 80C का लाभ क्या है?
धारा 80C के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक बचाने का मौका मिलता है। इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और चिल्ड्रन एजुकेशन फीस जैसी विभिन्न बचत योजनाएं शामिल हैं। यह सुविधा व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए उपलब्ध है।
पिछली बार यह सीमा कब बढ़ाई गई थी?
इससे पहले 2014 में 80 की सीमा बढ़ाई गई थी, तब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया था। तब से यह नहीं बदला है।
सीमा बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है?
पिछले कुछ सालों में लोगों की आमदनी और खर्च दोनों बढ़े हैं, लेकिन टैक्स सेविंग लिमिट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इससे कई करदाताओं के लिए पूरी सीमा का उपयोग करना मुश्किल हो रहा है। अगर इस लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाता है तो टैक्सपेयर्स को ज्यादा टैक्स बचाने और अपनी बचत बढ़ाने का मौका मिलेगा।
बजट से उम्मीदें
करदाताओं को उम्मीद है कि बजट में 80C कैप बढ़ाया जाएगा, जिसे 1 फरवरी, 2025 को पेश किया जाएगा। यदि इसे लागू किया जाता है, तो निर्णय करोड़ों करदाताओं को राहत प्रदान करेगा और उनकी बचत योजनाओं को बढ़ावा देगा। सरकार के इस कदम से करदाताओं को राहत नहीं मिलेगी बल्कि उन्हें लंबे समय में बचत और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। देखना होगा कि बजट में टैक्सपेयर्स की ये उम्मीदें पूरी होंगी या नहीं।
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