Income Tax Return | आयकर रिटर्न दाखिल करना कठिन लग सकता है, लेकिन प्रत्येक करदाता के लिए नियमित आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। वहीं, आयकर की गणना में त्रुटियों के कारण टैक्स रिटर्न भी गलत भरा जाता है, जिससे न केवल बैंक खाते में रिटर्न जमा करने में देरी होती है, बल्कि अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा कई टैक्सपेयर्स के बीच पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था को लेकर भी भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। खासतौर पर पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में टैक्सपेयर्स की दिक्कतों को दूर करने के लिए टैक्स डिपार्टमेंट ने एक ऐसी सुविधा शुरू की है जिसके हिसाब से यह समझा जा सकता है कि कितना टैक्स देना है।
करदाताओं की नई आयकर सुविधा
पिछले साल, फरवरी 2023 में, आयकर विभाग ने एक टैक्स कैलकुलेटर सुविधा शुरू की जो करदाताओं को यह तय करने में मदद करती है कि उनके लिए कौन सी कर प्रणाली बेहतर है, नई या पुरानी। ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर को अनुमानित टैक्स देयता की व्याख्या करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर
ऑनलाइन करदाता एक विशेष उपकरण है जो करदाता की आय, कटौती और कर क्रेडिट की गणना करके देय कर या संभावित धनवापसी की राशि का मूल्यांकन करता है। इससे टैक्सपेयर्स को टैक्स चुकाने में आसानी होती है और पहले से ही यह साफ हो जाता है कि उन्हें कितना रिफंड मिलेगा या उन्हें कितना टैक्स देना होगा।
इनकम टैक्स की गणना कैसे करें
सबसे पहले इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉगइन करें, फिर इनकम टैक्स कैलकुलेटर में जाकर जानकारी दर्ज करनी होगी जिसमें डिडक्शन से लेकर सैलरी, प्रॉपर्टी से इनकम, ब्याज से कमाई और अन्य जानकारी दर्ज करनी होगी। टैक्स कैलकुलेटर का उद्देश्य जनता के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर कम टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान बनाना है. इस साल करदाता आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिसके बाद आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माना देना होगा।
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