Income Tax Exemption | बजट से पहले केंद्र सरकार ने खुशखबरी दी है। इस बीच लोगों की आमदनी बढ़ने से लोगों को टैक्स भी देना पड़ता है। वहीं जब लोगों की इनकम टैक्सेबल हो जाती है तो लोगों को इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। अलग-अलग इनकम ग्रुप के लिए इनकम टैक्स स्लैब अलग-अलग हैं। वहीं, लोग दो स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स चुका सकते हैं। इसमें एक पुरानी कर व्यवस्था शामिल है और दूसरी नई कर व्यवस्था भी है।
Tax Regime
नई कर व्यवस्था को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2020 में पेश किया था, जो व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवारों) को विभिन्न खंडों के तहत कटौती का दावा किए बिना कम दरों पर करों का भुगतान करने का विकल्प देता है। पुरानी कर प्रणाली और नई कर प्रणाली के बीच कर की दरें अलग-अलग हैं। हालांकि, अगर करदाता की उम्र 60 साल से कम है तो उसे 2.5 लाख रुपये सालाना पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
Income Tax
इसके बाद 60 साल से कम उम्र के करदाताओं को 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की वार्षिक आय पर 5 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। हालांकि इन लोगों को टैक्स में 5 फीसदी की छूट भी मिलती है। लेकिन कुछ लोगों को सरकार ने उच्च वार्षिक आय पर कर से छूट भी दी है।
5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट
दरअसल, नई टैक्स व्यवस्था की दरों को उम्र के आधार पर अलग नहीं किया गया है। हालांकि, पुरानी कर प्रणाली के तहत 60 से 80 वर्ष की आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगाया जाता है। वहीं सुपर सीनियर सिटिजंस, जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है, उनके लिए 5 लाख रुपये की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
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