EPF Form 15G | संगठित क्षेत्र में काम करने वालों के वेतन का एक हिस्सा हर महीने काटा जाता है और उनके ईपीएफ खातों में जाता है। नियोक्ता कुछ शर्तों के साथ ईपीएफ खाते से आंशिक पैसा निकाल सकते हैं। अगर आप दो महीने तक बेरोजगार रहते हैं तो ईपीएफ की पूरी रकम निकाली भी जा सकती है। नियमों के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी नौकरी शुरू करने के 5 साल के भीतर अपने ईपीएफ खाते से 50,000 रुपये से अधिक निकालता है, तो उस पर टीडीएस काटा जाता है। इस टीडीएस कटौती से बचने के लिए पीएफ निकासी फॉर्म के साथ फॉर्म 15जी जमा करना जरूरी है। हम आपको इस फॉर्म के बारे में बताएंगे।
यह फॉर्म क्यू आवश्यक है ?
फॉर्म 15 जी एक तरह की घोषणा है। जिस पर लिखा होता है कि साल भर की आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है। इसलिए आपके पीएफ की इस राशि पर टीडीएस नहीं काटा जाना चाहिए। फॉर्म 15जी उन लोगों के लिए है जिनकी उम्र 60 साल से कम है। फॉर्म 15एच तब भरा जाता है जब उम्र 60 साल से ज्यादा हो।
फॉर्म 15G के दो भाग
फॉर्म 15जी के दो हिस्से होते हैं। पहला भाग कर्मचारी द्वारा भरा जाना है। दूसरा भाग कंपनी को भरना है। पहले भाग में नाम, पता आदि, आयकर से संबंधित जानकारी, ईपीएफ के रूप में प्राप्त आय, जिसके लिए फॉर्म 15 जी भरा जा रहा है और उस वित्तीय वर्ष के लिए आय के सभी स्रोतों से कुल आय जैसी बुनियादी जानकारी का उल्लेख है।
गलत जानकारी देने पर जुर्माना
आयकर अधिनियम की धारा 277 के तहत जुर्माना है यदि आप कर योग्य आय होने के बावजूद टीडीएस कटौती से बचने के लिए फॉर्म 15 जी भरकर अपनी आय से संबंधित गलत जानकारी भरते हैं। इस मामले में जुर्माना भरने के साथ-साथ कारावास भी हो सकता है।
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