Bank Account Alert | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 से पहले वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। वित्तीय क्षेत्र, विशेष रूप से बैंकों के प्रतिनिधियों ने बैंक सावधि जमा पर कर लाभ में वृद्धि की मांग की। बैंकों ने वित्त मंत्री को जमा में धीमी वृद्धि पर अपनी चिंताओं से भी अवगत कराया। पिछले कुछ सालों में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट में लोगों की दिलचस्पी घटी है। लोग बैंकों में पैसा रखने के बजाय म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश कर रहे हैं।
क्या FD निवेशकों को टैक्स लाभ मिलेगा?
1 फरवरी को जब सरकार 2025 का बजट पेश करेगी तो बड़ी राहत मिलने की संभावना है। वर्तमान में, बैंक एफडी पर अर्जित ब्याज पर करदाता के आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा। बैंकों ने अब सरकार से FD पर इनकम टैक्स खत्म करने की मांग की है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी एक FD लगाकर हजारों रुपये की बचत करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में वित्तीय संस्थानों, विशेष रूप से बैंकों ने बचत को प्रोत्साहित करने के लिए एफडी पर कर छूट का प्रस्ताव दिया। बचत में हालिया गिरावट के बीच बैंकों को कर्ज देने के लिए फंडिंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए और लोगों को उन्हें फिर से फायदेमंद मानकर बैंक एफडी में निवेश करने के लिए कुछ प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
NRI को आकर्षित करने की जरूरत
बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री सीतारमण से NRI के लिए KYC नियमों को सरल बनाने का अनुरोध किया है। चूंकि NRI भारत में बैंक खातों में अपना बहुत सारा पैसा रखते हैं, इसलिए KYC सहित अन्य नियमों को सरल बनाने से बैंकों में पैसा रखने में रुचि बढ़ सकती है।
बॉन्ड और शेयरों पर भी की राहत की मांग
वहीं, एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ राधिका गुप्ता ने भी वित्त मंत्री के साथ बजट पूर्व बैठक में पूंजी बाजार की दक्षता बढ़ाने और पूंजी बाजार का समावेश बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि की बचत यानी बॉन्ड और इक्विटी शेयर दोनों को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें की गई हैं। बैठक में वित्त सचिव, DIPAM के सचिव, आर्थिक मामलों और वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल थे।
FD पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
सूत्रों के अनुसार आयकर स्लैब के अनुसार एफडी पर कर लगाने के बजाय बैंक प्रतिनिधियों ने इसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से जोड़ने का प्रस्ताव दिया है ताकि जमा को प्रोत्साहित किया जा सके। वर्तमान में फिक्स्ड डिपॉजिट से रिटर्न पर टैक्स लगता है, जिससे लोग अपनी बचत को फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के बजाय म्यूचुअल फंड जैसे कम टैक्स विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।
टैक्स सेविंग एफडी की लॉक-इन अवधि कम करने की सलाह
एक प्राइवेट बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टैक्स सेविंग बैंक एफडी भी आयकर कानून की धारा 80C के तहत आती है लेकिन इसमें लाक-इन पीरियड पांच साल का है और सरकार लॉक-इन पीरियड को घटाकर तीन साल कर सकती है जिससे बैंक एफडी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
Disclaimer : म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। hindi.Maharashtranama.com किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
Copyright © 2025 MaharashtraNama. All rights reserved.