PAN & Aadhaar Card | आधार कार्ड और पैन कार्ड हर भारतीय नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। बैंक खाता खुलवाने से लेकर किसी भी बिजनेस में स्कूली बच्चों के लिए भी इस दस्तावेज की जरूरत होती है। इस दस्तावेज़ में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद क्या होता है, जो व्यक्ति के जीवित होने पर बहुत महत्वपूर्ण है?
मृत्यु के बाद पैन कार्ड की आवश्यकता कहां है?
बैंक खातों से लेकर डीमैट खातों और आयकर रिटर्न तक सब कुछ बनाने के लिए पैन कार्ड बहुत महत्वपूर्ण है। इसे बनाए रखने की जरूरत है। सभी खातों के बंद होने तक पैन कार्ड को बनाए रखना जरूरी है। आईटी विभाग की प्रक्रिया पूरी होने तक ITR दाखिल करते समय इसे ध्यान में रखने की जरूरत होती है।
पैन कार्ड सरेंडर करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
आयकर विभाग के पास चार साल के आकलन को फिर से खोलने की शक्ति है। इसलिए, यदि मृत व्यक्ति का कोई कर रिफंड लंबित है, तो इसे उसके खाते में जमा किया जाना चाहिए। जब खाता बंद करने और इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े सभी काम पूरे हो जाते हैं तो मृत व्यक्ति का पैन कार्ड इनकम डिपार्टमेंट को सौंपा जा सकता है। पैन कार्ड सरेंडर करने से पहले मृत व्यक्ति के सभी बैंक खातों को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर या बंद कर देना चाहिए।
पैन कार्ड कैसे सरेंडर करें
पैन कार्ड सरेंडर करने के लिए मृत व्यक्ति के प्रतिनिधि को उस असेसमेंट ऑफिसर को एक आवेदन लिखना होगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में पैन कार्ड रजिस्टर्ड है। इस आवेदन में पैन कार्ड सरेंडर करने की वजह और मृत व्यक्ति के नाम के साथ पैन नंबर, जन्मतिथि, डेथ ऑफ सर्टिफिकेट देना होगा। अगर आपको लगता है कि भविष्य में इस पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी तो आप इसे अपने पास रख सकते हैं।
मृत्यु के बाद आधार कार्ड का क्या होता है?
* आधार कार्ड एक पहचान पत्र है। यह एक यूनिक नंबर है और व्यक्ति की मौत के बाद भी वही रहता है। यह नंबर किसी और को नहीं दिया जा सकता।
* मृत्यु के बाद आधार का क्या होता है, इस पर सरकार ने खुद संसद को बताया कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद आधार को निष्क्रिय नहीं किया जा सकता है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
आधार कार्ड मृत्यु प्रमाण पत्र से लिंक
फिलहाल मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को निष्क्रिय करने की कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन एक बार इस प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद यूआईडीएआई के साथ रजिस्ट्रार को मृत व्यक्ति के आधार को निष्क्रिय करने की शुरुआत की जाएगी। आधार कार्ड को मृत्यु प्रमाण पत्र से लिंक करने के बाद इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है।
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