Guru Shani Vakri | वैदिक ज्योतिष में शनि और देवगुरु को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। जब भी ये दोनों ग्रह अपनी स्थिति बदलते हैं तो इसका असर 12 राशियों पर पड़ता है। कुछ के लिए, यह सकारात्मक परिणाम लाता है और दूसरों के लिए यह नकारात्मक परिणाम लाता है। वर्तमान में शनि कुंभ राशि में और देवगुरु गुरु मेष राशि में विराजमान हैं। दिलचस्प बात यह है कि शनि और गुरु वक्री अवस्था में हैं यानी वक्री अवस्था में विपरीत दिशाओं में घूम रहे हैं।
गुरु और शनि की वक्री अवस्था दो राशियों के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। शनि 4 नवंबर को कुंभ राशि में गोचर करेंगे। गुरु 31 दिसंबर को मार्गी होंगे। इससे पहले गुरु 4 सितंबर को मेष राशि में वक्री हो चुके हैं।
मकर
इस राशि के लोगों के लिए शनि और गुरु की प्रतिगामी चाल बहुत शुभ रहेगी। इन दोनों ग्रहों की उल्टी चाल इन राशियों के लोगों के लिए धन लाभ लेकर आई है। कार्यक्षेत्र में आप पर जिम्मेदारी बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में आपके काम का असर रहेगा। ग्रहों की स्थिति बदलने से संपत्ति या वाहन निवेश के अवसर प्राप्त होंगे। इसलिए इस समय का अधिकतम लाभ उठाएं।
मिथुन
इस राशि के लोगों के लिए शनि और गुरू का वक्री होना शुभ लाभ लेकर आया है। आपकी किस्मत बदलने वाली है। भाग्य और सफलता आपका साथ देंगे। किसी भी प्रयास में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। आपकी आय में वृद्धि होगी। आध्यात्मिक चीजों में आपकी रुचि बढ़ेगी। यह समय आपके लिए वरदान साबित होगा।
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