Anushka Sharma Sales Tax Case | बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री अनुष्का शर्मा बनाम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विवाद के संबंध में अनुष्का की याचिका खारिज कर दी है। मुंबई हाईकोर्ट ने अनुष्का को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह अपीलीय मध्यस्थ के पास अपील करें। जब मध्यस्थता प्रणाली है तो सीधे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का क्या उद्देश्य है? अनुष्का से हाईकोर्ट ने ऐसा सवाल पूछा है। साथ ही सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने इस दलील को मान लिया है कि अनुष्का को इस मामले में सेल्स टैक्स देना चाहिए। इसलिए अब इस बात की प्रबल संभावना है कि अनुष्का को इस कॉपीराइट मामले में बिक्री कर विभाग को 2.80करोड़ रुपये का सेल्स टैक्स देना होगा।
वास्तव में मामला क्या है?
हाईकोर्ट ने अनुष्का को 2012-13 से 2015-16 तक 4 साल की अवधि के लिए बिक्री कर विभाग द्वारा अनुष्का को जारी किए गए चार नोटिसों के संबंध में अपीलीय न्यायाधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस जगह पर मध्यस्थ के समक्ष सुनवाई में राहत नहीं दी जाती है तो आपको हाईकोर्ट आना चाहिए। सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी किया है कि अनुष्का सेल्स टैक्स के तौर पर 2 करोड़ 80 लाख का भुगतान करें। अनुष्का को अब मध्यस्थ के पास अपील करने के लिए जुर्माने की राशि का 10 फीसदी यानी 28 लाख रुपये देने होंगे।
सरकार का क्या कहना है?
पुरस्कार समारोहों में किए गए प्रदर्शनों के कॉपीराइट अधिकार अनुष्का के पास थे। इसलिए बिक्री कर विभाग ने तर्क दिया है कि अनुष्का इन समारोहों में प्रदर्शन के माध्यम से प्राप्त राशि पर बिक्री कर का भुगतान करने के लिए पात्र हैं। अनुष्का ने इवेंट्स में अपनी परफॉर्मेंस के लिए इवेंट्स के ऑर्गनाइजर्स को कॉपीराइट दिया था। एक अर्थ में, राज्य सरकार ने एक हलफनामे के माध्यम से अदालत के समक्ष बहस करते हुए उल्लेख किया है कि यह कॉपीराइट की बिक्री है।
अनुष्का की मांग खारिज
सेल्स टैक्स के डिप्टी कमिश्नर ने अनुष्का को महाराष्ट्र वैल्यू एडेड एक्ट के तहत 2012 से 2016 तक 4 साल के सेल्स टैक्स बकाया की वसूली के लिए 4 नोटिस भेजे थे। अनुष्का ने उपायुक्त द्वारा जारी इन आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया था। अनुष्का ने मांग की थी कि बिक्री कर उपायुक्त के आदेशों को रद्द किया जाए। इस मांग को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
अनुष्का का क्या कहना है?
जब कलाकार विज्ञापनों के साथ-साथ पुरस्कार समारोहों में प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें कार्यक्रम का आयोजक नहीं कहा जा सकता है। यही कारण है कि इस पर कलाकारों का कॉपीराइट नहीं कहा जा सकता है। यही कारण है कि अनुष्का ने दावा किया कि वह बिक्री कर का भुगतान करने के लिए योग्य नहीं थीं। राज्य सरकार ने एक हलफनामे में इस दावे का खंडन किया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का रुख सही है। अनुष्का को इस मामले में अपीलीय मध्यस्थ के पास अपील करने को कहा गया है।
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