Income Tax Regime | फिलहाल देशभर के करदाताओं को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए दो टैक्स विकल्प दिए जाते हैं। हाल ही में पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स प्रणाली को और आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के बदलावों का सुझाव दिया लेकिन पुरानी टैक्स प्रणाली को छुआ तक नहीं गया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नई कर व्यवस्था पेश की गई थी, लेकिन सरकार करदाताओं को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह तय है कि एक दिन पुरानी टैक्स व्यवस्था इतिहास बन जाएगी, लेकिन अब राजस्व सचिव के बयान से संकेत मिला है कि ‘एक देश, एक आयकर व्यवस्था’ जल्द ही लागू हो जाएगी।
राजस्व सचिव ने की नई कर व्यवस्था की वकालत
वित्त मंत्रालय में राजस् व सचिव संजय मल् होत्रा ने कहा है कि देश में एक ही आयकर प्रणाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 70% करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न दाखिल किया है। बिजनेस चैंबर पीएचडी हाउस ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में बजट बाद सत्र को संबोधित करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि देश में वर्तमान में एक पुरानी और नई आयकर प्रणाली है, लेकिन देश में एक ही आयकर प्रणाली होनी चाहिए।
देश में एकल कर प्रणाली?
पिछले सप्ताह 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा की घोषणा की थी, जिसमें छह महीने लगेंगे। राजस्व सचिव ने कहा कि आयकर कानून की समीक्षा करना एक बड़ा काम है क्योंकि यह 1,600 पन्नों का है और कानून की समीक्षा करना बड़ी चुनौती है।
पूंजीगत लाभ कर में परिवर्तन 2024-25 के बजट ने परिसंपत्ति बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर की गणना करने के लिए इंडेक्सेशन के लाभ को हटा दिया, लेकिन परिसंपत्ति बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को 20% प्रतिशत से घटाकर 12.50% कर दिया। माना जा रहा है कि इससे प्रॉपर्टी बेचने वाले पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा और सरकार के इस फैसले पर कई तरह की नाराजगी है।
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