Tax Saving Options | आम कामकाजी व्यक्ति पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए सरकार कई तरह की रियायतें भी देती है, जिसमें पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में कटौती शामिल है। इन्हीं में से एक है HRA या हाउस रेंट अलाउंस। HRA हर नौकरीपेशा व्यक्ति के सीटीसी का हिस्सा है। अगर आप किसी और के घर में किराए पर रह रहे हैं तो आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(13A) के तहत इनकम टैक्स में HRA छूट क्लेम कर सकते हैं।
लेकिन स्वरोजगार करने वाले लोगों को HRA छूट का लाभ नहीं मिलता है और उन्हें आयकर धारा 80GG के तहत किराए के घरों में रहने पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
पत्नी को किराया देकर बचाएं टैक्स
नई कर व्यवस्था में HRA कर छूट का दावा करने की सुविधा नहीं है, इसलिए यदि आप किराए पर कर छूट चाहते हैं, तो आप पुरानी कर प्रणाली के तहत ITR दाखिल करके HRA का लाभ उठा सकते हैं। पति या पत्नी को भुगतान किए गए किराए के लिए HRA के तहत कर छूट का दावा किया जा सकता है। पिछले साल जून 2023 में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा अमन कुमार जैन के मामले में सबसे हालिया निर्णय सहित कई अदालती फैसलों का उल्लेख किया गया है।
HRA क्लेम कैसे करें?
पत्नी को किराया देकर HRA पर टैक्स छूट पाने के लिए पति-पत्नी के बीच रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी था। दोनों के बीच हुए समझौते के मुताबिक पत्नी पति के नाम पर किराए की रसीद देगी और उसे किराया आयकर रिटर्न में दिखाना होगा। यानी पत्नी के लिए किराया घोषित करना भी उतना ही जरूरी है, भले ही उसकी आय में आय टैक्सेबल लिमिट से कम हो। हालांकि, शर्त यह है कि घर पत्नी के नाम पर होना चाहिए न कि संपत्ति के भागीदार के नाम पर।
HRA छूट प्राप्त करने के लिए दस्तावेज
मकान किराया भत्ते पर छूट का दावा करने के लिए आपको रेंट एग्रीमेंट, रेंट रसीद के साथ फॉर्म 12BB नियोक्ता को जमा करना होगा। किराए की रसीद में मकान मालिक के हस्ताक्षर, पैन और कितना किराया चुकाया गया है, इसकी जानकारी होनी चाहिए।
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