Mutual Fund Investment | म्यूचुअल फंड अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है, वरना आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोरोना काल के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों का रुझान बढ़ता जा रहा है। आमतौर पर एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शेयर बाजार के अलावा म्यूचुअल फंड के जरिए भी सोने और कमोडिटीज में पैसा लगाया जा सकता है। अगर आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे बड़ा सवाल है सही म्यूचुअल फंड चुनना। शेयर बाजार में कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमों की मौजूदगी ने इस काम को और भी मुश्किल बना दिया है, जिससे निवेश से पहले इन बातों का खास ख्याल रखना जरूरी हो गया है।
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो निवेश को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए। सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि निवेश का उद्देश्य क्या है, आप कब तक और कितना निवेश करना चाहते हैं। इन सवालों पर सावधानी पूर्वक विचार किया जाना चाहिए। विशेष रूप से महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आप कब तक निवेश करना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड निवेश की अलग-अलग अवधि के लिए अलग-अलग हैं। शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं। अगर आप लॉन्ग टर्म में निवेश कर रहे हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड दूसरों से बेहतर होंगे।
कितना जोखिम उठा सकते हैं
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले यह आकलन करना जरूरी है कि निवेश करते समय आप कितना जोखिम उठा सकते हैं। क्योंकि ज्यादा रिटर्न के लिए आपको ज्यादा रिस्क लेना पड़ सकता है। निवेश में न केवल रिटर्न होना चाहिए बल्कि आपकी पूंजी भी सुरक्षित होनी चाहिए। इसलिए आपको ऐसा फंड चुनना होगा जिसमें रिटर्न और रिस्क के बीच बैलेंस हो। अन्यथा, आपके नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड
अगर आपने निवेश के लिए म्यूचुअल फंड का विकल्प चुना है, तो उस कंपनी का रिकॉर्ड देखें जो इस स्कीम के साथ आई है। इसके साथ ही कंपनी के मैनेजर का रिकॉर्ड भी चेक करना जरूरी है। खासकर इन चीजों के लिए आपको यह जानने की जरूरत है कि फंड हाउस कब से काम कर रहा है, उसकी अन्य योजनाएं कैसा प्रदर्शन कर रही हैं, बाजार में कंपनी की प्रतिष्ठा कैसी है। यह जानकारी किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कई वेबसाइट्स ऐसी हैं जहां किसी भी फंड की परफॉर्मेंस, रेटिंग, पोर्टफोलियो की जानकारी मिलती है।
फंड के पिछले प्रदर्शन की जाँच करें
अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है, तो ऐसा नहीं है कि वह अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा। सही फंड चुनते समय अलग-अलग फंड्स के पिछले परफॉर्मेंस का अध्ययन करें, ताकि आपको अंदाजा हो सके कि कौन सा फंड कम्पैटिबल है। इससे आपको अपना पसंदीदा प्लान और म्यूचुअल फंड चुनने में मदद मिलेगी। फंड चुनते समय आपको अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों द्वारा इन फंड्स को दी गई रेटिंग की भी जांच करनी चाहिए।
खर्चों की जानकारी प्राप्त करें – Mutual Fund Investment
म्यूचुअल फंड चुनते समय इसमें निवेश से जुड़े खर्चों की जानकारी होनी चाहिए। प्रवेश और निकास बोझ, परिसंपत्ति प्रबंधन शुल्क, खर्च की राशि। प्रॉपर्टी के मैनेजमेंट चार्ज और खर्च की रकम जैसे खर्चों को देखना जरूरी है। ये सभी खर्च आपके मुनाफे को कम करते हैं। म्यूचुअल फंड के लिए 1.5% तक का एक्सपेंडिचर रेशियो उचित माना जाता है। किसी फंड में निवेश करने से बचें अगर उसका व्यय अनुपात इससे अधिक है।
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