Toll Tax Updates | मोदी सरकार का आम जनता को बड़ा झटका, कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद भी भरना पड़ेगा 100% टोल

Toll Tax Updates

Toll Tax Updates | टोल के मुद्दे को लेकर फिलहाल राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को मुंबई के प्रवेश द्वार पर टोल प्लाजा पर दरों में वृद्धि के लिए सरकार की आलोचना की। सरकार से सलाह मशविरा करने के बाद राज ठाकरे ने टोल प्लाजा के संबंध में फैसला लेने के लिए एक महीने का समय दिया है। लेकिन अब टोल प्लाजा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए एक फैसले से लोगों की जेब पर आंच आने की संभावना है। केंद्र सरकार ने अब कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी लोगों से टोल लेने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने एक अहम फैसले में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी 100% टोल टैक्स वसूलने का फैसला किया है। इसके अलावा टोल कंपनियों के पास हर साल थोक मूल्य सूचकांक के अनुपात में कर की दर बढ़ाने का अधिकार होगा। पहले के एक फैसले के तहत राजमार्ग परियोजना का अनुबंध समाप्त होने के बाद टोल टैक्स की दरों में 40% की कमी की जाती है। हालांकि, लोग अब इस बात से हैरान हैं कि राजमार्गों पर टोल प्लाजा को छूट नहीं दी जाएगी।

अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या अन्य राजमार्ग निकायों को रिफंड किए जाने के बाद भी यात्रियों को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर के तहत विकसित राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब 100% कर का भुगतान करना होगा। अब तक, इन परियोजनाओं को सरकार को वापस करने पर ऐसे क्षेत्रों पर टोल 40% तक कम हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि निजी कंपनियों ने अनुबंध की अवधि समाप्त होने पर अपनी निवेश राशि वसूल ली थी। लेकिन अब कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी लोगों को 100% टोल देना होगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 6 अक्टूबर को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क 2008 में संशोधन किया गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर टोल परियोजनाओं में टोल संग्रह समझौता पूरा होने के बाद कर की दर 40% कम करने का नियम है।

यह निर्णय क्यों लिया?
राजमार्ग परियोजनाओं में किए गए निवेश की भरपाई अनुबंध अवधि के दौरान भी टोल टैक्स से नहीं की जाती है। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण के बदले भुगतान की गई मुआवजे की राशि वसूल नहीं की जाती है। यह टोल कलेक्शन किसी प्राइवेट कंपनी या एनएचएआई द्वारा किया जाता है। हालांकि पांच साल बाद हाईवे की मरम्मत, रखरखाव आदि पर भारी खर्च होता है।

इसलिए नियमों में बदलाव कर इसकी वसूली करने का फैसला किया गया है। साथ ही पीपीपी मोड में डिजाइन किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य मार्गों पर अनिश्चितकाल के लिए टोल टैक्स लगाया जाएगा। क्योंकि हाईवे बनने के बाद चौड़ीकरण, पुल, बाईपास आदि का काम ट्रैफिक स्ट्रेस को ध्यान में रखकर किया जाता है। इनके रख-रखाव पर भी पैसा खर्च किया जाता है। इसलिए इन नियमों में बदलाव किया गया है।

2018 में, केंद्र सरकार ने पुरानी टोल टैक्स नीति को वेतन और उपयोग नीति के साथ बदलने की योजना बनाई थी। इसमें सड़क पर यात्री को राष्ट्रीय राजमार्ग पर तय की गई दूरी के हिसाब से टैक्स देना होगा। वर्तमान में हर 60 किलोमीटर पर एक टोल प्लाजा है और यात्रियों को उस दौरान पूरा टोल देना पड़ता है। इसे देखते हुए सरकार वेज एंड यूज पॉलिसी लागू करने के लिए तैयार थी। हालांकि, 15 साल बाद भी आज तक इस नीति को लागू नहीं किया गया है। दुनिया के अन्य देशों में भी इसी पॉलिसी के तहत टोल वसूला जाता है।

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News Title : Toll Tax Updates 15 October 2023.

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