Gold Investment | भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है और शादियों या त्योहारों के दौरान सोना खरीदा जाता है। कई लोग सिर्फ निवेश के लिए सोना खरीदते हैं। भारत में सोना घर में रखने की पुरानी परंपरा है। यही कारण है कि भारत सोने का शीर्ष उपभोक्ता है। अब सोने में निवेश करने के कई तरीके हैं लेकिन सोने के आभूषण खरीदने का क्रेज लोगों, खासकर महिलाओं में अलग है।
महिलाएं अभी भी अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में सोने के आभूषण खरीदना पसंद करती हैं। अब ITR फाइल करने की अवधि भी चल रही है। सभी करदाताओं को 31 अगस्त तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आप एक साल में कितना सोना खरीद सकते हैं या फिर कितना सोना घर पर रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि आयकर विभाग आपको घर पर कितना सोना रखने की अनुमति देता है।
घर में सोना रखने के लिए CBDT के नियम
1994 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टॅक्सेस ने सोने को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। इसके मुताबिक अगर किसी विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम, विवाहित या अविवाहित पुरुष के पास 100 ग्राम सोना घर में है तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता। अगर किसी के पास इससे ज्यादा सोना है तो आयकर विभाग उससे पूछ सकता है।
सोना रखने के लिए नियम क्यों?
CBDT द्वारा बनाए गए नियमों का उद्देश्य आयकर छापों में सोने के आभूषणों की जब्ती से राहत प्रदान करना है। ये नियम परिवार के सदस्यों पर लागू होते हैं। यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने के आभूषण कों कब्जे के संबंध में कोई निश्चित कानून नहीं है।
गोल्ड कन्ट्रोल अॅक्ट 1968
इससे पहले, भारत में स्वर्ण नियंत्रण अधिनियम, 1968 लागू था। इसके तहत लोगों को एक सीमा से अधिक सोना रखने की अनुमति नहीं थी। हालांकि, जून 1990 में इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया था। सरकार ने गोल्ड डिपॉजिट की लिमिट को लेकर कोई नियम नहीं बनाया है। कोई महिला या व्यक्ति अपने पास कितना सोना रख सकता है, इसकी कोई कानूनी सीमा नहीं है।
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