Vodafone Idea Share Price | वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी पर बढ़ते कर्ज और जरूरी फंड जुटाने में हो रही देरी की वजह से कंपनी को अपना कामकाज बंद करना पड़ा है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, अगर महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के अपेक्षित स्तर पर बनी रहती है तो कई टेलीकॉम कंपनियां अगले साल के आम चुनाव के बाद जून 2024 में टैरिफ दरें बढ़ा सकती हैं। ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ कंपनी के शेयर में लगातार गिरावट आ रही है। मंगलवार यानी 28 मार्च 2023 को ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ कंपनी के शेयर 4.13 फीसदी की गिरावट के साथ 5.80 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं, जो 52 हफ्ते का नया निचला स्तर 5.80 रुपये है। बुधवार (29 मार्च, 2023) को स्टॉक 0.34% बढ़कर 5.92 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज फर्म की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘वोडाफोन आइडिया’ कंपनी टैरिफ नहीं बढ़ा सकती है, और इसलिए कंपनी 5जी सेवाओं को लॉन्च नहीं कर पाएगी क्योंकि कंपनी 5G के लिए जरूरी निवेश नहीं कर पा रही है। इससे कंपनी के ग्राहकों की संख्या में और कमी आने की संभावना है। कंपनी की पूंजी जुटाने की योजनाओं को वास्तविकता बनाना बहुत मुश्किल है। यह केवल दो कंपनियों ‘रिलायंस जियो’ और ‘भारती एयरटेल’ के साथ बाजार पर राज करेगा। नतीजतन टेलीकॉम सेक्टर में इन दोनों कंपनियों का एकाधिकार होने जा रहा है।
ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, ऐसी संभावना है कि टेलिकॉम कंपनियां सेंट्रल आम चुनाव के बाद जून 2024 में टैरिफ की वैल्यू बढ़ाएंगी। इसकी मुख्य वजह यह है कि खुदरा महंगाई आरबीआई के कम्फर्ट जोन से बाहर निकल चुकी है। टैरिफ बढ़ाने में देरी के कारण ‘वोडाफोन आइडिया’ कंपनी को नकारात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे संदेह पैदा हो गया है कि क्या कंपनी बाजार में टिक पाएगी। इसके परिणामस्वरूप दूरसंचार क्षेत्र में केवल दो कंपनियों का एकाधिकार होगा। वोडाफोन आइडिया कंपनी को 4जी कवरेज बढ़ाने और 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए भारी मात्रा में निवेश की जरूरत है। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि अगर कंपनी पूंजी नहीं जुटाती है तो उसकी दूरसंचार बाजार हिस्सेदारी में गिरावट जारी रहेगी।
जानकारों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया कंपनी को अगले 12 महीनों में 5,500 करोड़ रुपये के कैश क्रंच का सामना करना पड़ सकता है। अगर दरों में बढ़ोतरी नहीं होती है या पूंजी जुटाने में देरी नहीं होती है तो कंपनी को अपना परिचालन बंद करना पड़ सकता है। कंपनी पर 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और दूरसंचार क्षेत्र में कंपनी की हिस्सेदारी कम होने की संभावना है। इतने कम समय में पूंजी जुटाना कंपनी के लिए मुश्किल होने वाला है।
जानकारों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया कंपनी को अगले 12 महीनों में 5,500 करोड़ रुपये के कैश क्रंच का सामना करना पड़ सकता है। अगर दरों में बढ़ोतरी नहीं होती है या पूंजी जुटाने में देरी नहीं होती है तो कंपनी को अपना परिचालन बंद करना पड़ सकता है। कंपनी पर 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और दूरसंचार क्षेत्र में कंपनी की हिस्सेदारी कम होने की संभावना है। इतने कम समय में पूंजी जुटाना कंपनी के लिए मुश्किल होने वाला है।
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