Adani Group Shares | ‘हिंडेनबर्ग फर्म’ की रिपोर्ट आई, और अडानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के शेयर गिर गए। इसके बाद से अडानी ग्रुप के शेयर 70 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुके थे। सेबी ने एहतियातके तौर पर अडाणी समूह की कंपनियों पर निगरानी बढ़ा दी है। अब सेबी ने अडानी की दो कंपनियों के लिए लॉन्ग टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क का मंच तैयार कर दिया है। श्रेणी में शामिल है। ‘अडानी ट्रांसमिशन’ और ‘अडानी टोटल गैस’ दो ऐसी कंपनियां हैं जिनके पास दीर्घकालिक निगरानी ढांचा चरण है। श्रेणी में शामिल किया गया है।
सेबी के मुताबिक इन दोनों कंपनियों ने लॉन्ग टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क के तहत शामिल करने के मानदंडों को पूरा किया है। इसे 13 मार्च, 2023 से लागू किया जाएगा। 9 मार्च 2023 से अडानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की तीन कंपनियों को शॉर्ट टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क स्टेज-1 में शामिल किया गया था। ‘अडानी एंटरप्राइजेज’, ‘अडानी पावर’ और ‘अडानी विल्मर’ तीन कंपनियां हैं जिन्हें अतिरिक्त निगरानी ढांचे में शामिल किया गया है।
स्टॉक एक्सचेंज नियामक सेबी ने ‘एनडीटीवी’ और ‘अडानी ग्रीन एनर्जी’ कंपनियों को दीर्घकालिक निगरानी ढांचे के तहत रखा था। अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के शेयर में गिरावट अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद आई थी। सेबी ने तब निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अडानी समूह की कंपनियों को निगरानी में रखा था। शेयर कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए यह फैसला लिया गया। इस तरह के कड़े फैसले लेकर सेबी शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ाना चाहता है और निवेशकों के हितों की रक्षा करना चाहता है। इससे एएसएम में स्थित कंपनियों के कॉर्पोरेट लेनदेन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
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