Bank Saving Account | लोग अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक बचत खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। बैंकों के बचत खातों पर ब्याज दरें कम होने के कारण ग्राहकों को ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं? आप स्वीप इन सुविधा का लाभ उठाकर फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। स्वीप इन सुविधा क्या है? चलो इस पर एक नज़र डालें!
स्वीप इन फॅसिलीटी
स्वीप इन सुविधा में बचत खाते पर राशि एक निश्चित सीमा से अधिक हो गई। इसलिए सीमा से अधिक राशि पर फिक्स्ड डिपॉजिट के समान ब्याज दर मिलती है। यह सीमा बैंकों में अलग-अलग हो सकती है। यह सुविधा भारतीय स्टेट बैंक , एचडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक , आईसीआईसीआई बैंक आदि जैसे बैंकों में उपलब्ध है।
हर बैंक के अलग-अलग नियम
कुछ बैंक नियमित बचत खाते को स्वीप इन सुविधा से ही जोड़ देते हैं। लेकिन कुछ बैंक इस सुविधा के लिए अलग से बचत खाता रखना पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए, एसबीआई में बचत प्लस खाता, एचडीएफसी बैंक में स्वीप की सुविधा, बैंक ऑफ इंडिया में बचत प्लस योजना, आईसीआईसीआई बैंक में मनी मल्टीप्लायर खाता आदि… इस प्रकार, प्रत्येक बैंक की स्वीप-इन सुविधा के नियम अलग-अलग हैं।
स्वीप इन सुविधा कैसे शुरू करें?
* किसी भी बचत खाते को सावधि जमा खाते से जोड़ना।
* निर्दिष्ट सीमा से अधिक राशि लिंक किए गए सावधि जमा खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
* सबसे आसान विकल्प बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आवेदन करना है।
* बैंक में जाकर ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है।
* खाताधारक एक विशिष्ट एफडी सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं।
बचत खाते पर ब्याज दर
* SBI 2.7 % (P.A.)
* ICICI 3 – 3.50% (P.A.)
* HDFC 3 – 3.50% (P.A.)
महत्वपूर्ण: अगर आपको यह लेख/समाचार पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अगर आप भविष्य में इस तरह के लेख/समाचार पढ़ना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दिए गए ‘फॉलो’ बटन को फॉलो करना न भूलें और महाराष्ट्रनामा की खबरें शेयर करें। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। शेयर खरीदना/बेचना बाजार विशेषज्ञों की सलाह है। म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित है। इसलिए, किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए महाराष्ट्रनामा.कॉम जिम्मेदार नहीं होगा।
Copyright © 2024 MaharashtraNama. All rights reserved.