New IPO Rules | अगर आप आईपीओ में पैसा लगा रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। कल यानी 1 दिसंबर से आईपीओ मार्केट में बड़ा बदलाव हुआ और एक नया नियम लागू हो गया । यह T+3 का नियम है। इसका मतलब है कि आईपीओ शुरू होने के तीन दिन के भीतर उन शेयरों की लिस्टिंग अनिवार्य होगी। पहले यह समय टी+6 यानी छह दिन का था।
सेबी ने अगस्त में जारी किया सर्कुलर – New IPO Rules
शेयर बाजार नियामक सेबी ने अगस्त में आईपीओ सूचीबद्धता की समयसीमा को छोटा करते हुए एक परिपत्र जारी किया था, जिसके बाद कुछ कंपनियों ने स्वेच्छा से T+3 नियमों का पालन किया और शेयरों को सूचीबद्ध किया। हालांकि, अब यह नियम अनिवार्य हो गया है, यानी कंपनी को आईपीओ के तीन दिन के भीतर शेयरों को लिस्ट कराना होगा। इससे निवेशकों के पैसे का लॉक-इन पीरियड भी कम हो जाएगा।
निवेशकों को फायदा
आईपीओ लिस्टिंग की डेडलाइन घटाने से न सिर्फ निवेशकों को बल्कि कंपनियों को भी फायदा होगा। यह नियम आईपीओ लाने वाली कंपनी को जल्दी धन जुटाने की अनुमति देगा। कंपनी कम समय में आईपीओ से पूंजी जुटाएगी। इसके अलावा, आईपीओ में शेयर आवंटित नहीं होने पर निवेशकों को जल्द ही उनका पैसा वापस मिल जाएगा। साथ ही, निवेशकों को मुनाफे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
पहले ये नियम स्वैच्छिक था।
सेबी ने आईपीओ लिस्टिंग की समयसीमा 1 सितंबर 2023 से घटाने का नियम पेश किया था। तब से, हालांकि, नियम स्वैच्छिक है। सर्कुलर के मुताबिक, यह नियम 1 सितंबर के बाद खुलने वाले सभी आईपीओ पर स्वैच्छिक रूप से लागू था। हाल के पांच आईपीओ में से चार आईपीओ इरेडा, टाटा टेक्नोलॉजीज, गंधार ऑयल और फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज T+3 आधार पर सूचीबद्ध हुए हैं। फ्लेयर राइटिंग का आईपीओ T+6 नियमों के तहत लिस्ट हुआ था।
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