Chandrayaan 3 | भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इतना ही नहीं भारत ने इस माध्यम से कई नए कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अब प्रज्ञान रोवर लैंडर मॉड्यूल से बाहर आ गया है और उसने अपना काम भी शुरू कर दिया है।
लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चांद पर उतरा था। इसने मिशन के सबसे महत्वपूर्ण चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब प्रज्ञान रोवर चांद पर आगे की रिसर्च करेगा। हालांकि, चंद्रयान-3 के सामने चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं।
इसरो प्रमुख एस जयशंकर सोमनाथ ने कहा। वह समाचार एजेंसी पीटीआई से बात कर रहे थे। सिवन ने कहा, ‘विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर बहुत अच्छा कर रहे हैं। सभी प्रणालियां अच्छी तरह से काम कर रही हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आगे की चुनौतियां खत्म हो गई हैं।
VIDEO | “Chandrayaan-3 landed well within the area identified for the landing,” says @isro chairman Somanath Chandrayaan-3’s successful landing on the Moon on August 23.#Chandrayaan3 pic.twitter.com/soYvrWlZYP
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2023
“चंद्रमा पर कोई वायुमंडल उपलब्ध नहीं है, इसलिए अंतरिक्ष से एक वस्तु चंद्रमा के इस हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गई; यह सीधे चंद्रयान-3 से टकरा सकता है। इसमें एक एंड्रॉइड, अंतरिक्ष मलबा या कुछ और शामिल है। अगर ऐसा कुछ चंद्रयान के लैंडर या रोवर से टकराता है तो उसे नष्ट किया जा सकता है।
अब सूरज पर लेंगे उड़ान
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अब अपने पहले सोलर मिशन के लिए तैयार हो रहा है। इस मिशन का नाम ‘आदित्य एल-1’ है। आदित्य उपग्रह को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसके बाद इसे अंतरिक्ष में एल-1 प्वाइंट पर तैनात किया जाएगा। यहां से आदित्य सूर्य का अध्ययन करेंगे।
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