Income Tax Return | इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का काम शुरू हो गया है। आयकर विभाग ने नए आकलन वर्ष के लिए ITR दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर आप भी रिटर्न फाइल करने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको उससे पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि आयकर विभाग आपको नोटिस न दे सके।
ITR फाइल करना हुआ आसान
आयकर विभाग प्रत्येक करदाता को AIS और TIS नाम के दो दस्तावेज उपलब्ध कराता है। ये दोनों बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। विभाग ने ITR फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और करदाताओं के लिए सेल्फ फाइल करना आसान बनाने के लिए ये दोनों चीजें पेश की हैं। इन दोनों दस्तावेजों की मदद से आप आसानी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं और इसके लिए आपको CA की जरूरत नहीं पड़ेगी।
AIS और TIS का मतलब क्या हैं
सबसे पहले, जानें कि AIS और TIS क्या हैं। AIS का अर्थ एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट और टीआईएस का अर्थ क्सपेयर इन्फॉर्मेशन समरी है। AIS और TIS करदाताओं द्वारा अर्जित सभी आय का विवरण रखते हैं। चाहे आपने बचत खाते पर ब्याज आय अर्जित की हो या आवर्ती और सावधि जमा आय से ब्याज, साथ ही लाभांश राशि या म्यूचुअल फंड से आय, ये सभी विवरण इन दो दस्तावेजों में हैं।
AIS और TIS में सभी जानकारी
सीधे शब्दों में कहें तो करदाताओं को AIS में कर योग्य राशि का एकमुश्त मिलता है। AIS में, आपको वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से प्राप्त हर आय का विवरण मिलता है, जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्दिष्ट है। इसका मतलब है कि इसमें हर उस आय की जानकारी होगी जो कर योग्य श्रेणी में आती है। TIS मूल रूप से AIS का सारांश है।
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